सरकारी नौकरी छोड़ी फिर UPSC क्रैक करके बने IAS ऑफिसर अब हो गए सस्पेंड

IAS UPSC Story: पीछे की गलती जब आपके सामने आती है, तो वह बहुत ही तकलीफ देय होता है. ऐसी ही एक पुरानी गलती के शिकार एक IAS Officer हुए हैं, जिसकी वजह से उन्हें सरकार ने सस्पेंड कर दिया है.

सरकारी नौकरी छोड़ी फिर UPSC क्रैक करके बने IAS ऑफिसर अब हो गए सस्पेंड
कहा जाता है न कि पीछे की गलती बाद में सामने आती है. लेकिन कभी-कभी यह गलती इतना तकलीफ देय होता है कि इंसान चाह कर कुछ नहीं कर सकता है. ऐसी ही एक पुरानी गलती का शिकार हिमाचल प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी हुए हैं. वह करीब 10 साल पहले यानी वर्ष 2014 में IBPS क्लर्क भर्ती की परीक्षा में किसी दूसरे उम्मीदवार की जगह परीक्षा में शामिल हुए थे. इस बैंक परीक्षा में वर्ष 2014 में सीबीआई ने दो लोगों को गिरफ्तार किए गए थे. उनमें से एक नवीन तंवर (Naveen Tanwar) थे. कुछ दिनों बाद नवीन बेल पर जेल से रिहा हो गए. बाद में वर्ष 2018 की यूपीएससी की परीक्षा को पास करके IAS ऑफिसर बन गए हैं. UPSC में हासिल की थी 484 रैंक नवीन तंवर (Naveen Tanwar) ने अपनी स्कूली पढ़ाई गांव से की है. इसके बाद कक्षा 12वीं की पढ़ाई लोकल सरकारी स्कूल से पूरी की है. वह साइंस विषय में काफी अच्छे थे. इसीलिए उन्होंने B.Sc की पढ़ाई शुरू की लेकिन आर्थिक परिस्थितियों की वजह से उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने बीए की पढ़ाई शुरू की और वह इसमें टॉपर भी रहे. वह भूगोल विषय से मास्टर डिग्री ली है. इसके बाद वह सरकारी स्कूल के टीचर बन गए. वर्ष 2011 में वह यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए. नवीन UGC NET JRF में भी टॉप किया था. वर्ष 2017 में प्रीलिम्स एग्जाम से पहले उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद वर्ष 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में 484 रैंक हासिल की. बैंक क्लर्क भर्ती परीक्षा की वजह से IAS Officer सस्पेंड  वर्ष 2019 बैच के आईएएस अधिकारी नवीन तंवर (Naveen Tanwar) को कुछ दिनों पहले सस्पेंड कर दिया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने किसी और की जगह बैंक क्लर्क भर्ती परीक्षा दी थी. पिछले महीने तंवर को तीन साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) तंवर पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया, लेकिन सीबीआई अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया गया. इस मामले में विधि विभाग ने स्पष्ट किया कि यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी 48 घंटे तक जेल में रहता है, तो उसे स्वतः ही ‘निलंबित’ माना जाना चाहिए. हिमाचल के चंबा में थे एडिशनल डिप्टी कमिश्नर  नवीन वर्तमान में चंबा जिले में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (DRDA) के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर/प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे. सूत्रों के अनुसार, 13 दिसंबर 2014 को उत्तर प्रदेश के नोएडा निवासी तंवर ने झांसी के अमित सिंह की जगह गाजियाबाद के आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) क्लर्क भर्ती परीक्षा दी थी. सीबीआई ने सॉल्वर गैंग को पकड़ा था, जिसमें तंवर छह आरोपियों में से एक था. वर्ष 2019 में सुनवाई के दौरान तंवर से पूछताछ की गई थी. 24 मार्च को तंवर ने 14 दिन की छुट्टी के लिए ईमेल भेजा था. राज्य प्रशासन ने पहले ही तंवर को सात दिन की छुट्टी दे दी थी. गाजियाबाद स्थित आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने 2014 में इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (आईबीपीएस) क्लर्क भर्ती परीक्षा आयोजित की थी. ये भी पढ़ें… ज‍िस र‍िजल्‍ट को लेकर सड़क से कोर्ट तक मचा है बवाल, समझिए NEET ‘पेपर लीक’ की क्रोनोलॉजी 100000 सैलरी वाली चाहिए नौकरी, तो ONGC में तुरंत करें आवेदन, नहीं देनी होगी कोई लिखित परीक्षा Tags: IAS Officer, Success Story, UPSCFIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 15:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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