विदेशी निवेशकों पर चढ़ा देसी रंग! फुटकरियों की तरह खोजने लगे मौका
विदेशी निवेशकों पर चढ़ा देसी रंग! फुटकरियों की तरह खोजने लगे मौका
Indian Share Market : शेयर बाजार में आई तेजी का फायदा उठाने के लिए विदेशी निवेशकों ने भी अपना पैंतरा बदल दिया है. अक्टूबर के आंकड़े बताते हैं कि उन्होंने सेकंडरी बाजार से करीब 85 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए हैं और इसे दूसरी जगह निवेश कर रहे हैं.
नई दिल्ली. शेयर बाजार के लिए थोक निवेशक माने जा रहे विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भी अब फुटकरियों की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिया है. तभी तो उन्होंने अब रेगुलर बाजार में पैसे लगाने के लिए आईपीओ में निवेश कर कमाई शुरू कर दी है. विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार का दामन तो नहीं छोड़ा, लेकिन अपने निवेश का तरीका जरूर बदल दिया है. तभी तो अक्टूबर में साढ़े 4 साल बाद ऐसा नजारा दिखा जो कारोनाकाल के समय दिखा था.
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) की ओर से जारी आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अक्टूबर में करीब 10 अरब डॉलर की निकासी कर ली है. इतनी बड़ी संख्या में पैसे निकालने का आंकड़ा कोरोनाकाल में मार्च, 2020 के बाद आया है, जब 8.3 अरब डॉलर (करीब 70 हजार करोड़ रुपये) निकाले थे. यह निकासी सेकंडरी बाजार से की गई है, जबकि प्राइमरी बाजार में निवेश बढ़ा है.
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फिर कहां लगा रहे पैसा
रिपोर्ट बताती है कि विदेशी निवेशक सेकंडरी बाजार से पैसे निकालकर उसे प्राइमरी बाजार में लगा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां आईपीओ के जरिये ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका मिल रहा है. अक्टूबर के आंकड़े देखें तो प्राइमरी बाजार में FII ने अब तक 64.5 करोड़ डॉलर (करीब 6 हजार करोड़ रुपये) का निवेश कर डाला है. वहीं, सेकंडरी मार्केट में देखें तो FII ने लगातार 12 सेशन में निकासी की है और 17 अक्टूबर तक कुल 9.9 अरब डॉलर (करीब 84 हजार करोड़ रुपये) बाजार से निकाल लिए थे. इसके बाद 18 अक्टूबर को भी FII ने 5,485 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले थे.
आईपीओ ने खींचा मन
विदेशी निवेशक अभी प्राइमरी बाजार की तरफ इसलिए ज्यादा रुख कर रहे हैं, क्योंकि यहां आने वाले आईपीओ में उन्हें कमाई का मौका दिख रहा है. हाल में शेयर बाजार में कई बड़े आईपीओ उतारे गए हैं, जिसमें गरुड़ा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग और ह्यूंडई मोटर्स इंडिया प्रमुख हैं. ह्यूंडई का आईपीओ तो अब तक का सबसे बड़ा 38 हजार करोड़ का था.
क्यों बदला है ये ट्रेड
एनालिस्ट अजय बग्गा का कहना है कि फेड रिजर्व के 50 आधार अंक ब्याज दरें घटाने के बाद से शेयर बाजार में तेजी का माहौल है. इसके अलावा यूएस इकनॉमिक डाटा से भी ग्लोबल मार्केट में पॉजिटिव सेंटिमेंट बना हुआ है. इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिख रहा और पिछले 3 सप्ताह से अमेरिकी बाजार में तेजी बनी हुई है. बाजार की इस तेजी का फायदा उठाने के लिए तमाम कंपनियां आईपीओ उतार रही हैं, जिसका फायदा उठाने का अवसर खुदरा निवेशकों के साथ थोक विक्रेताओं को भी मिल रहा है.
Tags: Business news, Investment scheme, Share marketFIRST PUBLISHED : October 21, 2024, 18:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed