नई दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केन्द्रों से संबंधित नया नियम लागू कर दिया है. इस आदेश के लागू होने से दोपहिया वाहन चालकों को लाइसेंस बनवाने के लिए वाहन चलाकर टेस्ट देना अनविार्य कर दिया गया है. पूर्व में बगैर व्यावाहारिक रूप में टेस्ट दिए लाइसेंस बनाने का नियम था. इसमें संशोधन किया गया है.
सड़क परिवहन मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार देशभर में मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केन्द्रों खोले जा रहे हैं. इसमें ट्रेनिंग लेने वाले को सेमुलेटर से वाहन चालाना सिखाया जाएगा. ट्रेनिंग लेने के बाद केन्द्र प्रशिक्षु को एक सर्टिफिकेट देगा. इस सर्टिफिकेट के आधार पर आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाया जा सकता है. यानी यहां से ट्रेनिंग लेने वाले व्यक्ति को आरटीओ कार्यालय में टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगा.
नियम में यह हुआ बदलाव
पूर्व में दोपहिया और चार पहिया या अन्य सभी तरह के वाहनों के लिए सेमुलेटर से ट्रेनिंग लेने के बाद टेस्ट देने की जरूरत नहीं थी. लेकिन सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी नए नियम के अनुसार दोपहिया वाहनों के लिए वाहन चलाकर टेस्ट देना अनिवार्य कर दिया गया है. यानी व्यावहारिक और सैद्धांतिक रूप में टेस्ट देना होगा. इस टेस्ट को पास करने के बाद ही दोपहिया वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस बन सकेगा.
एक्सपर्ट बोले, इसलिए बदला गया नियम
बस एंड कार ऑपरेटर्स कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएमवीआर) के चेयरमैन गुरुमीत सिंह तनेजा ने बताया कि चार पहिया या इससे बड़े वाहनों में बैलेंस बनाने की जरूरत नहीं होती है लेकिन दोपहिया वाहनों में बैलेंस बनाना होता है. सेमुलेटर से प्रशिक्षु वाहन चलाकर सकता है लेकिन बैलेंस बनाने की ट्रेनिंग नहीं हो पाती है, इसलिए मैदान में दो पहिया वाहन के साथ ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी गयी है.
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Tags: Driving license, Road and Transport MinistryFIRST PUBLISHED : September 23, 2022, 12:33 IST