स्टॉक में निवेश पर लगते हैं 7 तरह के शुल्क अब 8वां वसूलने की तैयारी
स्टॉक में निवेश पर लगते हैं 7 तरह के शुल्क अब 8वां वसूलने की तैयारी
Share Market Charges : आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो जल्द ही और शुल्क देने के लिए तैयार हो जाएं. बाजार नियामक सेबी के स्थायी सदस्य का कहना है कि निवेशकों को जल्द ही बाजार एक्सेस के लिए शुल्क चुकाने को तैयार रहना चाहिए.
हाइलाइट्स शेयर बाजार में निवेश पर अभी 7 तरह के चार्ज वसूले जाते हैं. सेबी के स्थायी सदस्य ने एक और चार्ज लेने की बात कही है. यह चार्ज ब्रोकिंग फर्म के शून्य ब्रोकरेज फीस के लिए लगेगा.
नई दिल्ली. शेयर बाजार में निवेश करने वाले करोड़ों निवेशकों के लिए बुरी खबर है. बाजार नियामक सेबी जल्द ही आपके निवेश पर एक और शुल्क वसूलना शुरू कर देगा. इसके संकेत भी दिए जा चुके हैं. सेबी के स्थायी सदस्य अनंत नारायण ने कहा है कि कई ब्रोकरेज फर्म निवेशकों को आकर्षित करने के लिए शून्य ब्रोकिंग चार्ज का ऑफर देते हैं. लिहाजा निवेशक अब मार्केट ड्राइवेन चार्ज देने के लिए तैयार हो जाएं. उन्होंने समझना होगा कि कुछ भी फ्री यानी मुफ्त में नहीं आता है. आपको बता दें कि मौजूदा समय में ही बाजार के निवेशकों को 7 अलग-अलग तरह के टैक्स और शुल्क चुकाने पड़ते हैं और अब सेबी 8वां शुल्क वसूलने की तैयारी में है.
अनंत नारायण ने कहा, ‘मेरा सुझाव ये है कि निवेशकों को एक निश्चित रकम का भुगतान करना चाहिए. यह शुल्क कैपिटल मार्केट का एक्सेस लेने और मार्केट ड्राइवेन व ट्रांसपैरेंट प्राइजेज के तौर पर वसूला जाना चाहिए. निवेशकों को समझना होगा कि कुछ भी मुफ्त में नहीं आता.’ सेबी के सदस्य का यह बयान ऐसे समय आया है जब बाजार नियामक इस बात को लेकर कई कदम उठा रहा है कि निवेशकों का पैसा ब्रोकर के खाते में न रुकने पाए. ऐसा करके ब्रोकर निवेशकों के इस पैसे पर अतिरिक्त ब्याज कमा रहे हैं.
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बाजार में हो रहे दो बड़े बदलाव
आपको बता दें कि बाजार नियामक सेबी ने फिलहाल दो बड़े बदलावों की तरफ कदम बढ़ा दिया है. पहला है यूपीआई ब्लॉक मैकेनिज्म. इसके तहत निवेशकों को पूंजी बाजार में पैसे लगाने के लिए ब्रोकिंग फर्म को भुगतान करने की जरूरत नहीं. निवेशक को जितने पैसे शेयर खरीदने हैं, उतनी रकम खाते में ही ब्लॉक हो जाएगी. जब स्टॉक उसके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होंगे, उसके बाद ही खाते से रकम काटी जाएगी. अभी यह विकल्प आप्शनल है, जिसे आगे अनिवार्य भी किया जा सकता है.
दूसरा बदलाव ये है कि बाजार नियामक सेबी ने स्लैब आधारित ट्रांजेक्शन चार्ज लगाने की व्यवस्था को खत्म कर रहा है. इससे ब्रोकरेज फर्म पर दबाव पड़ता था. लिहाजा 1 अक्टूबर, 2024 से एक्सचेंज सभी ब्रोकिंग फर्म पर समान रूप से ट्रांजेक्शन चार्ज लगाना शु्रू कर देंगे. यह चार्ज फर्म की ओर से जारी वॉल्यूम के आधार पर लगाए जाएंगे.
अभी लगते हैं 7 तरह के शुल्क ब्रोकरेज : हर ट्रांजेक्शन के लिए निवेशक को ब्रोकरेज शुल्क चुकाना पड़ता है. ट्रांजेक्शन चार्ज : एक्सचेंज इक्विटी की डिलीवरी या इंट्राडे ट्रेड के लिए ट्रांजेक्शन चार्ज वसूलते हैं. एनएसई पर यह कुल टर्न ओवर का 0.00335% होता है. डीपी चार्ज : इक्विटी डिलीवरी ट्रेड में बेचने पर यह शुल्क लगाया जाता है. एसटीटी : खरीदने या बेचने पर कुल टर्नओवर का 1 फीसदी एसटीटी लगता है. सेबी टर्नओवर फीस : कुल टर्नओवर का 0.0001% शुल्क सेबी वसूलता है. जीएसटी : ब्रोकरेज, सेबी टर्नओवर फीस और एक्सचेंज टर्नओवर चार्जेस पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है. स्टांप शुल्क : ट्रेडिंग स्टॉक व अन्य फाइनेंशियल एसेट पर सरकार की ओर से स्टॉक ब्रोकर ही स्टांप शुल्क वसूलते हैं.
Tags: Business news, Share market, Stock MarketsFIRST PUBLISHED : August 30, 2024, 13:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed