भारत का बाल भी बांका नहीं कर सकता बांग्‍लादेश संकट बस 2 चीजों पर रखें नजर

Bangladesh Crisis : पड़ोसी देश बांग्‍लादेश में पहले राजनीतिक और अब आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि भारत पर भी इसका असर पड़ेगा, लेकिन अब रेटिंग एजेंसियों ने सुकून देने वाली खबर दी है.

भारत का बाल भी बांका नहीं कर सकता बांग्‍लादेश संकट बस 2 चीजों पर रखें नजर
नई दिल्‍ली. पड़ोसी देश बांग्‍लादेश में राजनैतिक संकट ने अब आर्थिक संकट का रूप ले लिया है. दुनियाभर की तमाम कंपनियां यहां से अपना कारोबार समेट रहीं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि इसका असर भारत पर भी पड़ेगा. लेकिन रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम का भारत के कारोबार पर कोई खास असर नहीं हुआ है. क्रिसिल रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि बांग्लादेश संकट का प्रभाव उद्योग एवं क्षेत्र-विशेष की बारीकियों और जोखिम के आधार पर अलग-अलग होगा. भारतीय उद्योग जगत की साख गुणवत्ता पर निकट-अवधि में इसका प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है. एजेंसी ने कहा, ‘हमें भारत के उद्योग जगत की क्रेडिट गुणवत्ता पर निकट-अवधि में इस घटनाक्रम का प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है. हालांकि लंबे समय तक व्यवधान रहने पर कुछ निर्यात-उन्मुख उद्योगों के राजस्व और कार्यशील पूंजी चक्रों पर असर देखने को मिल सकता है.’ ये भी पढ़ें – भारत में बनेगी पूरी दुनिया को ‘कंट्रोल’ करने वाली जगह, PM नरेंद्र मोदी के ‘खासमखास’ ने देखा ड्रीम किन कंपनियों पर दिखेगा असर फुटवियर, दैनिक उपभोग का सामान बनाने वाली कुछ कंपनियों की विनिर्माण इकाइयां बांग्लादेश में स्थित होने से उन कंपनियों पर इसका असर पड़ सकता है. संकट शुरू होने पर इन संयंत्रों को परिचालन चुनौतियों का सामना करना पड़ा था लेकिन अब अधिकांश इकाइयों का परिचालन शुरू हो गया है. जाहिर है कि इसका खास असर नहीं दिखेगा. 2 चीजों पर रखें नजर इसके साथ ही क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बांग्लादेशी मुद्रा टका के रुख पर नजर रखनी होगी. क्रिसिल के मुताबिक, बांग्लादेश के साथ भारत का व्यापार अपेक्षाकृत कम है. यह पिछले वित्त वर्ष में इसके कुल निर्यात का 2.5 प्रतिशत और कुल आयात का 0.3 प्रतिशत था. इस लिहाज से देखा जाए तो मुद्रा को छोड़कर कोई खास असर नहीं दिखता. हम क्‍या मंगाते हैं पड़ोसी से भारत से बांग्लादेश को होने वाले वस्तु निर्यात में मुख्य रूप से कपास और सूती धागा, पेट्रोलियम उत्पाद और बिजली शामिल हैं, जबकि आयात में मुख्य रूप से वनस्पति वसा तेल, समुद्री उत्पाद और परिधान शामिल हैं. जाहिर है कि इस संकट का बस इन्‍हीं सेक्‍टर पर थोड़ा असर पड़ने की आशंका है. आपको याद होगा कि पिछले महीने बांग्लादेश में छात्रों के व्यापक प्रदर्शन के बाद अराजकता फैलने से तमाम गतिविधियां ठप पड़ गई थीं. हालांकि, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का मुखिया बनाने के बाद से हालात सामान्य होने लगे हैं. Tags: Bangladesh news, Business news, Indian economyFIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 18:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed