भारत चीन या पाकिस्तान रूस किसका पक्का यार समझें पुतिन का यह लव ट्राएंगल
भारत चीन या पाकिस्तान रूस किसका पक्का यार समझें पुतिन का यह लव ट्राएंगल
पीएम मोदी इस वक्त रूस में हैं. वह राष्ट्रपति पुतिन से मिलने वाले हैं. पुतिन इस वक्त पश्चिमी ताकतों के निशाने पर हैं. लेकिन, वह रूस के एक ऐसे राष्ट्रपति हैं जो एक साथ भारत और चीन दोनों को साधने में सफल हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर रूस की राजधानी मॉस्को पहुंच गए हैं. पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच कई अहम करार होंगे. इसमें रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े करार अहम होंगे. लेकिन, आज इस कहानी में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की रणनीति और उनकी शख्सियत की चर्चा करते हैं. शीत युद्ध का दौर खत्म हो चुका है. बावजूद इसके पश्चिम और रूस के बीच का टकराव इस वक्त अपने चरम पर है. दुनिया परमाणु युद्ध के मुहाने पर खड़ी है.
इस बदली हुई दुनिया में रूस का अगर कोई सबसे करीबी दोस्त है तो वह है चीन. रूस और चीन की यह दोस्ती बॉलीवुड फिल्म शोले के कैरेक्टर जय-वीरू की जोड़ी जैसी है. ये दोनों देश हर एक मोड़ पर एक दूसरे के साथ हैं. एक तरफ रूस, चीन को बेहद संवेदनशील और एडवांस हथियार और तकनीक मुहैया करवा रहा है वहीं चीन, रूस-यूक्रेन युद्ध में खुलकर अपने ‘भाई’ की मदद कर रहा है. रूस-चीन की जोड़ी ने आज ग्लोबल वर्ल्ड ऑर्डर को पूरी तरह से बदल दिया है. इन दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 240 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
रूस-चीन जिगरी यार
मौजूदा वक्त में चीन, रूस को बैलेस्टिक मिसाइल से लेकर संवदेनशील हथियार बनाने के लिए भारी मात्रा में कल-पुर्जों का निर्यात करता है. दूसरी तरफ चीन रूस से S-400 जैसी मिसाइल सिस्टम खरीदता है. यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी प्रतिबंधों के दौर में चीन रूस के लिए एक ढाल बनकर सामने आया है. वह रूस से भारी मात्रा में सस्ते दाम पर कच्चे तेल का आयात करता है. सबसे बड़ी बात यह है कि ये दोनों देश 90 फीसदी द्विपक्षीय व्यापार अपनी मुद्रा में करते हैं. ये अमेरिकी डॉलर पर निर्भर नहीं हैं. इस वक्त रूस-चीन के बीच कोई विवाद नहीं है. इन दोनों ने काफी पहले अपना सीमा विवाद सुलझा लिया था.
भारत-रूस की दोस्ती
शीत युद्ध के दौर में भारत और सोवियत संघ की दोस्ती दुनिया के लिए मिसाल होती थी. फिर सोवियत संघ के बिखरने के बाद की दुनिया में यह दोस्ती कमजोर पड़ती गई. वैश्विक पटल पर रूस की वह ताकत नहीं रही जो कभी सोवियत संघ की होती थी. उस दौर में भारत अपनी अधितर रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर रहता था. लेकिन, वर्ल्ड ऑर्डर में बदलाव के बाद भारत ने रूस से इतर अमेरिका, फ्रांस और इजराइल जैसे देशों के साथ रणनीतिक और सामरिक रिश्तों को मजबूत करना शुरू किया. बावजूद इसके मौजूदा वक्त में भी भारत को अपनी 60 से 70 फीसदी सैन्य और सामरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस पर निर्भर रहना पड़ता है.
रूस ने चीन और भारत को साधा
यही सवाल सबके मन में है. एक तरफ भारत और चीन दोनों एक दूसरे के दुश्मन देश हैं. दोनों के बीच सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है. दोनों देशों की सेनाएं कई बार आमने-मामने आ चुकी हैं. बावजूद इसके ये दोनों रूस से हथियार खरीदते हैं. भारत और चीन दोनों के पास रूस से खरीदे गए कई हथियार एक जैसे हैं. उदाहरण के तौर पर भारत जिस मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 के लिए रूस से सौदा किया है वही डिफेंस सिस्टम चीन काफी पहले रूस से खरीद चुका है.
इसी तरह सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान है. ये लड़ाक विमान भी दोनों देशों के पास है. फिर सवाल वही कि रूस ये सब कैसे कर लेता है. दरअसल, रूस ने भारत और चीन दोनों के साथ एक भरोसा विकसित किया है. रूसी राष्ट्रपति चीन को लेकर भारत की चिंताओं को दूर करते हुए कई बार कह चुके हैं कि उनका देश भारत को दी गई टेक्नोलॉजी किसी अन्य देश को नहीं देता है.
पाकिस्तान के साथ भी सौदा
शीत युद्ध के दौर में पाकिस्तान खुलेआम अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी ताकतों के साथ था. फिर भारत और रूस के बीच सैन्य और सामरिक साझेदारी भी थी. इस वजह से रूस और पाकिस्तान में कभी सैन्य और सामरिक संबंध स्थापित नहीं हुए. लेकिन, दुनिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य बदलने के बाद पाकिस्तान और अमेरिका में दूरी बढ़ने लगी. फिर वह चीन के और करीब होने लगा. दूसरी तरफ भारत के अपनी सामरिक जरूरतों के लिए रूस से इतर अमेरिका, फ्रांस और इजराइल के साथ रिश्ते बनाने पर रूस-पाकिस्तान भी करीब आने लगे. फिर रूस-पाकिस्तान के बीच 2015 में पहला सैन्य करार हुआ. इसके बाद ये लगातार बढ़ते जा रहा है. हालांकि, रूस यहां भी कहता है कि वह भारत को दी गई संवेदनशील टेक्नोलॉजी को किसी अन्य देश को नहीं देता.
Tags: India china, India russia, PM ModiFIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 15:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed