100 साल तक नष्ट नहीं होने वाला चारों वेद अब हिंदी में पढ़ें जानें कीमत और वजन
100 साल तक नष्ट नहीं होने वाला चारों वेद अब हिंदी में पढ़ें जानें कीमत और वजन
हिंदू धर्म से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है. अब आम आदमी भी अब चारों वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद हिंदी में पढ़ सकेंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत बुधवार को दिल्ली के अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में चारों वेदों के 10 खंडों वाला हिंदी भाषा का वेद का लोकार्पण किया. चारों वेद का वजन 18 किलो है और इसको तैयार करने में 10 साल लग गए.
नई दिल्ली. अब आप चारों वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद हिंदी में पढ़ सकेंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने दिल्ली के अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आज चारों वेदों के 10 खंडों वाला हिंदी भाषा का वेद का लोकार्पण किया. इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि वेद भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं. वे सारी दुनिया को जोड़ने का काम करते हैं. आपको बता दें कि श्रीपाद दामोदर सातवलेकर रचित वेदों का हिंदी भाषा में संघ के स्वाध्याय मंडल ने किया है. देशभर के विद्वानों ने 10 साल के अथक मेहनत के बाद हिंदी भाषा में चारों वेद अब आम आदमी पढ़ सकेंगे. इन चारों वेदों का वजन 18 किलो है. यह श्रीपाद दामोदर सातवलेकर रचित वेदों का तृतीय संस्करण का लोकार्पण था.
सरसंघचालक ने कहा कि वेद और भारत दोनों एक ही हैं. वे सनातन धर्म का आधार है. वेदों में ज्ञान, विज्ञान, गणित, धर्म, चिकित्सा और संगीत की भी प्रचुरता है. वेदों के मंत्रों में अंक गणित, घन और घनमूल के सिद्धांतों का भी स्पष्ट उल्लेख हैं। वेदों में समस्त विश्व के कल्याण की बात निहित हैं. वेद विश्व की समस्त मानवता को एकाकार होने का मार्ग दिखाते हैं. सनातन संस्कृति में जीवन जीने के लिए स्पर्धा नहीं करनी पड़ती, यह हमें वेदों ने ही सिखाया है.
चारों वेद अब आप हिंदी में पढ़ें
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि सत्यम् ज्ञानम् अनन्तम ब्रह्म’. हमारे ऋषियों ने इसी दृष्टि से विश्व कल्याण के लिए वेदों की रचना की थीं. हमारे यहां जब पुत्र का पेट भर जाता है तो माता तृप्त हो जाती है. यह बात विज्ञान चाहे ना माने किंतु यह भौतिक वाद से परे का आनंद है. ज्ञान की समस्त प्रणालियों में वेदों का आधार देखने को मिलता है. वेदों के अध्ययन से समस्त मानवता प्रकाशित होती रहेगी.
आरएसएस प्रमुख ने किया लोकार्पण
कार्यक्रम में महामंडलेश्वर पू स्वामी बालकानन्द गिरी जी महाराज, विहिप के संरक्षक व केन्द्रीय प्रबंध समिति के सदस्य दिनेश चंद्र ने भी वेदों के महत्व के बारे में बताया. आपको बता दें कि स्वाध्याय मंडल पारडी, गुजरात तथा दिल्ली स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद अध्ययन केंद्र द्वारा श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा इन चारों वेदों के 8 हजार पृष्टों के प्रकाशन में 10 वर्षो की अथक मेहनत लगी है.
‘अमीरों’ को शौक का ऐसा चढ़ा नशा, एक ही दिन में उड़ा दिए 51 लाख रुपये, पुलिस पहुंची तो उड़ गए होश
इस कार्यक्रम में देश के अनेक साधु संत, संघ, विश्व हिंदू परिषद के साथ अनेक धार्मिक, सामाजिक व संस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारियों सहित समाज के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे. इस बुक की कीमत 25 हजार रुपये रखी गई है.
Tags: Mohan bhagwat, RSS chiefFIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 21:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed