इस खास विधि से खीरे की खेती कर मालामाल बना किसान! लाखों की हो रही कमाई

जिले का एक किसान मल्च विधि से खीरे की खेती कर रहा है. इस खेती से उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. जिसके लिए वह कई सालों से खीरे की खेती करके लाखों रुपए मुनाफा कमा रहा है.

इस खास विधि से खीरे की खेती कर मालामाल बना किसान! लाखों की हो रही  कमाई
संजय यादव/बाराबंकी: वैसे तो बारिश के मौसम में कुछ ऐसी फसलें हैं, जिनकी खेती करके किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सकते हैं. क्योंकि बारिश के सीजन में हरी सब्जियों की काफी ज्यादा मांग रहती है. वहीं किसान अगर हरी मिर्च, खीरा, मूली और हरा धनिया आदि की खेती करता है, तो उन्हें अच्छा फायदा हो सकता है. इन सब्जियों की पूरे साल डिमांड रहती है. लेकिन बारिश के मौसम में बिना सिंचाई के इनकी खेती की जा सकती है. इतना ही नहीं इनकी ज्यादा देखभाल करने की भी जरूरत नहीं है. इसके लिए ज्यादा जगह की भी आवश्यकता नहीं होती. तीन से चार सप्ताह की अवधि में ही ये फसलें तैयार हो जाती हैं. जिसमें किसानों को जबरदस्त फायदा मिलता है. जिले का एक किसान मल्च विधि से खीरे की खेती कर रहा है. इस खेती से उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. जिसके लिए वह कई सालों से खीरे की खेती करके लाखों रुपए मुनाफा कमा रहा है. बाराबंकी जिले के तमशेपुर गांव के रहने वाले किसान अवधेश कुमार ने एक बीघे से खीरे की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा लाभ देखने को मिला. आज वह करीब दो बीघे में खीरे की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें दो से ढाई  लाख रुपए का मुनाफा एक फसल में हो रहा है. मल्च विधि से खेती कर लाखों की हो रही कमाई  खीरे की खेती करने वाले किसान अवधेश कुमार ने बताया कि वह कई सालों से सब्जियों की खेती कर रहे हैं. जिसमे टमाटर, लौकी, कद्दू, खीरा है. इस समय वह दो बीघे में मल्च विधि से खीरे की खेती कर रहे हैं. इसमें करीब एक बीघे में 10 से 12 हजार रुपये की लागतआती है. क्योंकि इसमें बीज, बांस, डोरी- पन्नी, लेबर आदि का खर्च लगता है और वहीं मुनाफा करीब एक फसल में दो से ढाई लाख रुपए तक हो जाता है. इस खेती को वह  मल्च विधि से करते हैं. क्योंकि यह विधि फसल को खराब होने से बचाती है और बरसात के पानी से फसल खराब नहीं होती और रोग लगने का खतरा कम रहता है. फसल में यदि कोई रोग लगता है, तो दवा छिड़कने में भी आसानी होती है. फल दिखने में बहुत आकर्षक और स्वस्थ रहते हैं. इस वजह से बाजार में इनकी कीमत अच्छी मिलती है. उपज भी अच्छी होती है. खेती का तरीका  इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. पहले हम खेत की जुताई करते हैं. उसके बाद पूरे खेत में बेड बनाते हैं. फिर बेड पर मल्च बिछा दी जाती है. फिर इसमें छेद करके एक एक फिट की दूरी पर खीरे के बीज को लगाया जाता है. जब पेड़ थोड़ा बड़ा होने लगता है. तब इसकी सिंचाई करते हैं. उसके बाद खेत में बांस को गाड़ कर खीरे के पौधे को डोरी के सहारे बांध दिया जाता है. जिससे पौधा सीधा रहता है और बारिश के सीजन में फसल को तोड़ने में आसानी होती है. वहीं पौधा लगाने के महज 50 से 60 दिनों के बाद फसल निकलनी शुरू हो जाती है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 5, 2024, 10:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed