अगस्त आते हीं प्रयागराज के छात्रों की बढ़ने लगती है टेंशन आप भी जान लीजिए वजह

प्रयागराज को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं का हब माना जाता है. लेकिन, प्रत्येक वर्ष अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर महीने में  छात्रों के रहने वाले इलाके बाढ़ में डूब जाते हैं, जिससे उनको कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. छात्रों को नया ठिकाना खोजना पड़ता है या सामान को दूसरे या तीसरे तल पर सुरक्षित रखना होता है.

अगस्त आते हीं प्रयागराज के छात्रों की बढ़ने लगती है टेंशन आप भी जान लीजिए वजह
प्रयागराज. दिल्ली के बाद पूरे भारत में सबसे ज्यादा किसी शहर में रहकर प्रतियोगी छात्र सरकारी अफसर बनने का सपना देखते हैं तो वह प्रयागराज है. यहां लाखों की संख्या में प्रदेश भर के युवा अपने एकेडमिक और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं. लेकिन, सितंबर का महीना प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए काफी कष्टदायक होता है. इसका कारण यह है कि प्रत्येक वर्ष अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर महीने में छात्रों के रहने वाले इलाके बाढ़ में डूब जाते हैं, जिससे उनको कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बाढ़ आते हीं छात्रों की बढ़ जाती है परेशानी छात्र प्रिंस जौनपुर के रहने वाले हैं और पिछले 2 साल से प्रयागराज में पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.  उन्होंने बताया कि जब प्रयागराज में बाढ़ आता है तो छात्रों के लिए किसी विपदा से कम नहीं होता है. यहां बिजली-पानी बंद हो जाता है और पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो जाती है. 23 अगस्त से पुलिस भर्ती  परीक्षा की शुरुआत होने वाली है. इसको लेकर  लगभग 10 घंटे से अधिक पढ़ाई रोज कर रहे हैं, लेकिन इस बार रेगुलेटरी को खत्म कर दिया है. इससे छात्रों को नया ठिकाना खोजना पड़ता है या फिर सामान को दूसरे या तीसरे तल पर सुरक्षित रखना होता है. ग्राउंड फ्लोर का कैमरा पूरी तरह डूब जाता है. यह प्रत्येक वर्ष की कहानी बन गई है. इन इलाकों में आती है बाढ़ सत्यम ने बताया कि बाढ़ खत्म होने के बाद भी चुनौती कम नहीं होती है. बाढ़ से फैली गंदगी से टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू बीमारी फैलने लगता है, जिससे छात्रों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है. प्रयागराज के छोटा बघाड़ा, सालोरी, गोविंदपुर, राजापुर इलाके गंगा के तट पर स्थित है. बाढ़ आते ही यह इलाका डूबने लगता है. खास बात है कि इन्हीं इलाकों में लाखों की संख्या में प्रतियोगी छात्र रहकर अपने भविष्य को संवारने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. यह इलाका प्रतियोगी छात्रों का हब माना जाता है, जो पूरी तरह गंगा के कछार में स्थित है. प्रत्येक वर्ष इन इलाकों में बाढ़ की वजह से छात्रों को एक महीने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है. Tags: Ganga river, Local18, Prayagraj News, UP floodsFIRST PUBLISHED : August 10, 2024, 14:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed