इस मंदिर में है जादुई शिवलिंग बेलपत्र के जंगल में से था मिला 700 साल पुराना

Balkeshwar Mahadev Mandir: आपने आज तक बहुत मंदिर देखे होंगे. लेकिन ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जो जंगल में से निकला हो? आइए जानते हैं बल्केश्वर महादेव मंदिर के बारे में.

इस मंदिर में है जादुई शिवलिंग बेलपत्र के जंगल में से था मिला 700 साल पुराना
हरिकांत शर्मा/आगरा: सावन की शुरुआत के साथ ही लोगों ने महादेव को खुश करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाना शुरू कर दिया है. अलग-अलग मंदिरों में भोलेनाथ का खास तरीके से श्रृंगार हो रहा है. आगरा के बल्केश्वर महादेव मंदिर में भी भोलेनाथ का अलग तरीके से श्रृंगार हो रहा है. सावन के दूसरे सोमवार यहां मेला लगता है. संध्या के समय ऐतिहासिक शिव भक्तों की परिक्रमा निकाली जाती है, जो सभी चारों मंदिरों से होकर गुजरती है. हर दिन इस मंदिर में अलग-अलग तरीकों से श्रृंगार किया जाता है. बल्केश्वर महादेव मंदिर का इतिहास बल्केश्वर महादेव मंदिर जिस जगह पर स्थित है, पूर्व में वहां बिल्व पत्र (बेलपत्र) के पेड़ों का जंगल था.लगभग 700 वर्ष पूर्व जब यहां जंगल को काटा गया तो यहां शिवलिंग और मंदिर मिला. बेलपत्र के जंगल में होने की वजह से मंदिर को बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता था. आज भी यमुना इस मंदिर के समीप होकर गुजरती है. मंदिर की है प्राचीन मान्यता मंदिर की मान्यता है कि सच्चे मन से जो भी भक्त यहां पूजा करेगा, उसकी सारी मनोकामना पूरी हो जाएगी. इस मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक, शृंगार चंदन व केसर से किया जाता है. भक्तों को इसका प्रसाद दिया जाता है. शहर के शिव मंदिरों की परिक्रमा में बल्केश्वर महादेव मंदिर में जल अर्पित करने की परंपरा है. 40 दिनों तक भगवान शिव की आराधना करने से हर मनोकामना पूरी होती है. लगता है मेला सावन के दूसरे सोमवार पर इस मंदिर में मेला लगेगा.सुबह चार बजे से अभिषेक व आरती होगी. इसके बाद जलाभिषेक होगा. शाम को श्रृंगार होगा और रात को फिर आरती होगी. Tags: Agra news, Hindu Temple, Local18FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 14:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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