कोसी की तरह गंगा ने भी बदला रास्ता 2500 साल पुराने रहस्य से उठा पर्दा
कोसी की तरह गंगा ने भी बदला रास्ता 2500 साल पुराने रहस्य से उठा पर्दा
Ganga River News: रेत तथा मिट्टी के रासायनिक विश्लेषण से पता चलता है कि लगभग 2,500 वर्ष पहले इस क्षेत्र में 7-8 तीव्रता का भूकंप आया था. बांग्लादेश से भी इसका कनेक्शन सामने आया है.
नई दिल्ली. बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी दिशा बदलने के लिए कुख्यात है. अब पतित पावनी गंगा को लेकर भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिसर्चर की टीम ने चौंकाने वाले शोध का खुलासा करते हुए बताया कि गंगा नदी ने आज से तकरीबन 2500 साल पहले अपनी दिशा बदली थी. वैज्ञानिकों के एक दल ने तथ्यों और आकलन के आधार पर यह खुलासा किया है. एक नए शोध में दावा किया गया है कि 2500 वर्ष पहले आए एक भूकंप के कारण अचानक गंगा नदी का मुख्य रास्ता संभवत: बदल गया होगा.
शोधकर्ताओं का कहना है कि संभवतः 7-8 तीव्रता वाले भूकंप ने नदी के मुख्य मार्ग को बदल दिया जो मौजूदा समय में भूंकप के लिहाज से संवेदनशील बांग्लादेश में है. हालांकि, इस भूकंप का कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है. अमेरिका के कोलंबिया क्लाइमेट स्कूल के लैमोंट-डोहर्टी अर्थ ऑब्जर्वेटरी के भूभौतिकीविद (Geophysicist) एवं अध्ययन के सह-लेखक माइकल स्टेकलर ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमने कभी इतना बड़ा भूकंप कहीं देखा है.’ स्टेकलर ने आगे कहा, ‘यह इतना प्रभावशाली था कि गलत समय और गलत स्थान पर किसी को भी आसानी से जलमग्न कर सकता था.’ यह अध्ययन ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
नदियों के मार्ग में बदलाव
हिमालय से निकलने वाली गंगा नदी अंत में ब्रह्मपुत्र और मेघना सहित अन्य प्रमुख नदियों के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में समाहित हो जाती है. अमेजन के बाद ये नदियां विश्व की दूसरी सबसे बड़ी नदी प्रणाली बनाती हैं. दुनियाभर के वैज्ञनिक नदी के मार्ग में होने वाले बदलाव को भू-अपदारण (Avulsion) कहते हैं. कई नदियों के मार्ग में बदलाव की वजह भूकंप थे जिनका दस्तावेजीकरण भी किया गया. प्रमुख खाड़ी से होकर बहने वाली अन्य नदियों की तरह गंगा भी नियमित रूप से अपना मार्ग बदलती रहती है. स्टेकलर ने कहा कि नदियों को अपना मार्ग बदलने में वर्षों या दशकों का समय लग सकता है, लेकिन भूकंप के कारण नदी का मार्ग अचानक ही बदल सकता है.
रेत एवं मिट्टी
नीदरलैंड के वेगेनिंगन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर एवं शोध के प्रमुख लेखक एलिजाबेथ एल. चेम्बरलेन ने कहा कि यह अध्ययन खास तौर से गंगा जैसी विशाल नदी के लिए भूकंप के कारण खाड़ी के कई हिस्सों में विभाजित होने का पहला पुख्ता उदाहरण है. शोधकर्ताओं के दल ने उपग्रह की तस्वीरों का इस्तेमाल कर बांग्लादेश की राजधानी ढाका से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण में नदी के पुराने मार्ग का पता लगाया. यह लगभग 1.5 किलोमीटर चौड़ा एक निचला क्षेत्र है जो नदी के मौजूदा मार्ग के समानांतर लगभग 100 किलोमीटर तक पाया गया. उन्होंने बताया कि कीचड़ से भरे होने के कारण इस क्षेत्र में अक्सर बाढ़ का प्रभाव रहता है और इसका उपयोग मुख्य रूप से चावल की खेती के लिए किया जाता है. वर्ष 2018 में इस क्षेत्र की छानबीन करते हुए शोधकर्ताओं ने भूकंप के कारण बनी संरचनाओं को देखा, जिन्हें सीस्माइट्स कहा जाता है. उनके अनुसार, ऐसी अनेक संरचनाएं एक ही समय में बनी हैं और रेत तथा मिट्टी के रासायनिक विश्लेषण से पता चलता है कि लगभग 2,500 वर्ष पहले इस क्षेत्र में 7-8 तीव्रता का भूकंप आया था.
Tags: Ganga river, National NewsFIRST PUBLISHED : June 18, 2024, 19:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed