वर्ल्ड कप से लोकसभा चुनाव तक बॉथम से घोष तक विरोधियों को चित करते आजाद

Lok Sabha Results 2024: दिलीप घोष लोकसभा चुनाव में अगर अपनी हार से स्तब्ध हों तो उन्हें वर्ल्ड कप 1983 का  इयान बॉथम का वीडियो देखना चाहिए जो अपना विकेट गंवाने के बाद उनसे भी अधिक हैरान थे.

वर्ल्ड कप से लोकसभा चुनाव तक बॉथम से घोष तक विरोधियों को चित करते आजाद
नई दिल्ली. दिलीप घोष लोकसभा चुनाव में अगर अपनी हार से स्तब्ध हों तो उन्हें वर्ल्ड कप 1983 का  इयान बॉथम का वीडियो देखना चाहिए जो अपना विकेट गंवाने के बाद उनसे भी अधिक हैरान थे. लंदन के ओवल की 22 गज की पिच हो या औद्योगिक शहर बर्धमान-दुर्गापुर का राजनीतिक मैदान, कीर्ति आजाद की दिग्गजों को छकाने की क्षमता लाजवाब है. कीर्ति आजाद ने पश्चिम बंगाल की बर्धमान-दुर्गापुर सीट 1,37,981 वोट से जीती. आजाद ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक को उस निर्वाचन क्षेत्र में हराया जो उनके लिए तब बिल्कुल भी परिचित नहीं था जब उन्हें पहली बार टीएमसी का उम्मीदवार घोषित किया गया था. उन्होंने अंतत: 7,20,667 वोट हासिल करके लोकसभा सदस्य के रूप में शान से वापसी की. Lok Sabha Results: लोकसभा में इस बार होंगे 2 क्रिकेटर, दोनों वर्ल्ड चैंपियन, दोनों एक पार्टी से ही जीते… लंदन के ओवल में कीर्ति आजाद ने नीची रहती गेंद पर बॉथम को बोल्ड किया था. उस समय दुनिया के नंबर एक ऑलराउंडर के चेहरे पर हताशा साफ देखी जा सकती थी. मंगलवार को जब बिहार के इस 65 साल के पूर्व क्रिकेटर ने बंगाल के एक शहर में घोष को हराया तो उसे तृणमूल कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत में से एक कहा जा सकता है. इस सीट पर गैर-बंगालियों की अच्छी खासी आबादी है. बंगाल की राजनीति को समझने वाले लोग यह तर्क दे सकते हैं कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष घोष को एक अपरिचित क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा लेकिन फिर यह आजाद के लिए भी बहुत परिचित क्षेत्र नहीं था. वैसे यह तीसरा मौका है जब आजाद ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. इससे पहले आजाद ने बिहार के दरभंगा से भाजपा के लिए लगातार दो चुनाव जीते थे. बाद में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के प्रशासन में कथित भ्रष्टाचार पर दिवंगत अरुण जेटली के साथ विवाद के कारण वे कांग्रेस में चले गए थे. Lok Sabha Election Results: वर्ल्ड चैंपियन क्रिकेटर बोला- मेरा भाई जीत गया, दिग्गज नेता को हरा दिया… अगर आजाद के करीबी दोस्त कपिल देव की मौजूदगी ने उनके छोटे अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान उन्हें बढ़ावा दिया तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके राजनीतिक करियर को दूसरा जीवन प्रदान किया. हो सकता है कि इसमें कौशल कम और भाग्य अधिक हो लेकिन विश्व कप विजेता, तेजतर्रार दिल्ली का पूर्व रणजी कप्तान, राष्ट्रीय चयनकर्ता और जेटली के कट्टर आलोचक, आजाद हमेशा से जानते थे कि कैसे खबरों में बने रहना है. कई लोगों का मानना है कि आजाद घरेलू क्रिकेट में पहले भारतीय बल्लेबाजों में से एक थे जो 80 के दशक के शुरुआती और मध्य वर्षों में ऑफ स्पिनरों द्वारा फेंकी जाने वाली ‘दूसरा’ गेंद को समझ सकते थे जबकि काफी गेंदबाजों को भी नहीं पता था कि यह क्या है. Tags: Indian Cricketer, Lok Sabha Election, TMC LeaderFIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 21:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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