इस फसल ने किसान को तंगहाली से निकाला कम लागत में करता है बंपर कमाई

Mirch farming: फर्रुखाबाद के गांव भूलनपुर चिरपुरा गांव के निवासी झब्बु लाल, जो पिछले 15 वर्षों से मिर्च की फसल करते आ रहे हैं. वह बताते हैं कि आमतौर पर पच्चीस सौ से लेकर तीन हजार रुपए प्रति बीघा की लागत आती है. यह फसल 45 दिनों में तैयार होने लगती है. ऐसे समय पर इस फसल को तैयार करने में वह गोबर से तैयार जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं.

इस फसल ने किसान को तंगहाली से निकाला कम लागत में करता है बंपर कमाई
फर्रुखाबाद /सत्यम कटियार: समय कब अच्छा हो जाए, ये कोई नहीं जानता. ऐसा ही कुछ फर्रुखाबाद के एक किसान झब्बू लाल के साथ. संघर्ष से भरी उनकी कहानी खास युवाओं को एक संदेश देती है कि कभी भी हार नहीं माननी चाहिए. एक समय ऐसा था जब घर में तंगहाली और गरीबी के बीच गुजारा करना भी मुश्किल था. लेकिन झब्बू ने हार नहीं मानी. अपनी थोड़ी सी भूमि पर इस फसल की समय से अगेती पैदावार करने लगे. आज वह करीब 15 वर्षों से लगातार सब्जियों पर आधारित खेती करते आ रहे हैं. इसमें मिर्च की खेती ने उनके जीवन की दशा बदल कर रख दी है. फर्रुखाबाद के गांव भूलनपुर चिरपुरा गांव के निवासी झब्बु लाल, जो पिछले 15 वर्षों से मिर्च की फसल करते आ रहे हैं. वह बताते हैं कि आमतौर पर पच्चीस सौ से लेकर तीन हजार रुपए प्रति बीघा की लागत आती है. यह फसल 45 दिनों में तैयार होने लगती है. ऐसे समय पर इस फसल को तैयार करने में वह गोबर से तैयार जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं. इससे उनकी लागत भी कम और उत्पादन भी बढ़ जाता है. आज का आलम यह है कि बाजार में इसका रेट काफी बढ़ जाने के कारण वह एक बीघा में ही आसानी से पचास हजार रुपए का मुनाफा कमा लेते हैं. मिर्च ने झब्बू के जीवन में घोली मिठास तीखी मिर्च ने झब्बू के जीवन में ऐसी मिठास घोली है कि अब इनको किसी से भी कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं है. आज के समय में जहां मंडियों में मिर्च की तगड़ी डिमांड है. तो दूसरी ओर हाथों- हाथ बिक्री हो रही है. ऐसे समय पर न्यूनतम लागत में बंपर पैदावार वाली यह फसल किसानों के लिए बेहद खास बन चुकी है. खेती का तरीका किसान ने बताया कि वह जैविक आधारित मिर्च की खेती करते हैं. सबसे पहले मिर्च के बीजों की बुवाई करते हैं. जब नर्सरी तैयार हो जाती है तो खेत को समतल करने के बाद जैविक गोबर से तैयार खाद को रखने के बाद उसी में पौधा रोपण कर देते हैं. धीरे-धीरे सिंचाई करते रहते हैं. जब पौधों में फूल के बाद मिर्ची निकलने लगती है, तो उसे बाजार में बेच देते हैं. इससे उन्हें काफी मुनाफा होता है. Tags: Agriculture, Farrukhabad news, Kisan, Local18FIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 15:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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