वाराणसी: यूपी के वाराणसी में गंगा का रौद्र रूप दिखाई दे रहा है. गंगा अब खतरे के निशान से महज चंद कदम दूर है. गंगा के विकराल रूप में पहले ही सभी 84 घाट डूब चुके हैं और अब वरुणा किनारे के कई क्षेत्र भी जलमग्न हो गए. इसके साथ ही सामने घाट से सटे कई रिहायशी कॉलोनी में भी गंगा का पानी घुस गया है. उधर गंगा के उफान के कारण घाट किनारे होने वाले नियमित पूजा और अनुष्ठान भी अब सड़को पर हो रहे है.क्योंकि पंडे पुरोहितों की चौकियां अब घाटों के बजाए सड़कों पर लग रही है. तस्वीरें वाराणसी के अस्सी घाट की है जहां पुरोहित यजमानों का पूजन और संकल्प सड़क पर चौकी लगाकर करा रहे हैं.
स्थानीय पुरोहित विकास ने बताया कि बाढ़ के कारण सब कुछ डूब जाने के वजह से पंडे पुरोहित अपनी आजीविका चलाने के लिए अब सड़कों पर आ गए है.पानी ऐसे ही बढ़ता रहा तो पितृपक्ष में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इसके अलावा लोग पूजा अनुष्ठान के लिए यहां आने से भी बचेंगे.
पुरोहितों को सता रहा ये डर
घाट पर नियमित पूजा कराने वाले पुरोहित विनीत का भी कुछ ऐसा ही कहना है.उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण पितृपक्ष में आने का ट्रिप भी लोग कैंसिल कर रहे हैं.
सुबह से स्थिर है गंगा
वाराणसी में मंगलवार की सुबह गंगा का जलस्तर 70.83 मीटर रिकॉर्ड किया गया. वहीं खतरे का निशान 71.26 मीटर है. हालांकि राहत की बात यह है कि मंगलवार की सुबह से गंगा का जलस्तर स्थिर है. बता दें कि साल 1978 में बाढ़ का अधिकतम स्तर 73.90 रिकॉर्ड किया गया है.
FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 08:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed