सावधान! जिम में वर्कआउट से बढ़ रहा है दिल का खतरा एक्सपर्ट के ये टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद
सावधान! जिम में वर्कआउट से बढ़ रहा है दिल का खतरा एक्सपर्ट के ये टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद
आज के समय में युवा जिम में जाकर एक्सरसाइज करना पसंद करते हैं. यही नहीं, वह वर्कआउट करने के बाद अपने खाने में प्रोटीन पाउडर, स्टेरॉयड आदि प्रयोग कर रहे हैं. वहीं, आए दिन जिम में हार्ट अटैक की वजह से युवाओं की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. आइए हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. संजीव मिगलानी से जानें बचाव के तरीके...
रिपोर्ट: निखिल त्यागी
सहारनपुर. पुराने समय में लोग अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम और योग साधना किया करते थे. उस समय के लोगों के खानपान में दूध, देसी घी, शहद, देसी जड़ी-बूटी और सादा भोजन हुआ करता था. यदि वर्तमान की बात करें तो आज के समय में युवाओं के सिर पर जिम में जाकर एक्सरसाइज करने का भूत सवार है. जिम जाने वाले सभी लोग वर्कआउट करने के बाद अपने खाने में प्रोटीन पाउडर, स्टेरॉयड आदि प्रयोग कर रहे हैं. नतीजन यदा-कदा सुनने में आ जाता है कि व्यक्ति की जिम में वर्कआउट करने के दौरान हार्ट अटैक आने से मृत्यु हो गई. ऐसा लगता है कि जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में आज का युवा जिम में अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक वर्कआउट कर रहा है.
सहारनपुर के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. संजीव मिगलानी बताते हैं कि हर व्यक्ति के शरीर की बनावट और स्टेमिना भिन्न होता है. ऐसे में सभी को अपने शरीर के अनुसार ही एक्सरसाइज भी करना चाहिए. उन्होंने बताया कि अपनी बॉडी की क्षमता से अधिक वर्कआउट करना हमारे दिल के लिए घातक साबित हो सकता है.
क्या है वर्कआउट का दिल से कनेक्शन?
डॉ. संजीव मिगलानी के मुताबिक, कुछ लोग जल्दी बॉडी बिल्डर दिखने के लिए पहले ही दिन से जिम में अधिक वर्कआउट करना शुरू कर देते हैं. जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है. इसलिए शुरू में हल्का वर्कआउट करे और फिर जिम ट्रेनर के दिशा-निर्देशन में ही वर्कआउट को धीरे-धीरे बढ़ाएं. डॉ. मिगलानी ने कहा कि जिम ज्वाइन करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि जिम ट्रेनर शिक्षित और एक्सपर्ट हो. 30 वर्ष से अधिक की उम्र वाले व्यक्ति जिम ज्वॉइन करने से पहले अपने हार्ट का ECG जरूर कराएं. ईसीजी रिपोर्ट के आधार पर ही ट्रेनर आपको वर्कआउट करने की सलाह देंगे. अपनी बॉडी के स्टेमिना से अधिक वर्कआउट करना जानलेवा हो सकता है.
जिम में प्राथमिक उपचार की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए
जिम का चयन करते समय केवल महंगी मशीनें और एटमॉस्फेयर का ही होना जरूरी नहीं है बल्कि आपको यह भी देखना चाहिए कि जिम के अंदर प्राथमिक उपचार की उचित व्यवस्था है या नहीं. अगर किसी को अचानक हार्ट अटैक आता है या वर्कआउट करते समय मशीन से कोई दुर्घटना हो जाती है, तो जिम में प्राथमिक उपचार की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. इस महत्वपूर्ण बिंदु को अनदेखा न करें.
इन लक्षणों को कभी ना करें नजर अंदाज
डॉ. संजीव मिगलानी के मुताबिक, जिम में वर्कआउट करते समय घबराहट होना, पसीने आना, उल्टी करने का मन होना या फिर शरीर में कोई अन्य असाधारण हरकत महसूस होती है तो तुरंत ट्रेनर को बताएं. अगर आपको लगता है कि आपके दिल की धड़कने आसामान्य हो या उल्टी जैसे लक्षण हैं, तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. इस दौरान जरा सी भी लापरवाही करना आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है.
फूड सप्लीमेंट भी सलाह के आधार पर लें
इसके साथ डॉ. संजीव मिगलानी ने कहा कि जिम जाने वाले युवा जल्दी बॉडी बनाने के लिए बाजार से फूड सप्लीमेंट लेते हैं. सेहत और दिल को स्वस्थ रखने के लिए खाने में अच्छी डाइट लें. फूड सप्लीमेंट और अन्य दवाइयों से परहेज करें. जरूरत होने पर फूड सप्लीमेंट लेने से पहले इस विषय में ट्रेनर और अपने फैमली चिकित्सक का परामर्श लेना चाहिए.
वर्कआउट करने वालो के लिये जरूरी परामर्श
डॉ. संजीव मिगलानी ने बताया कि जिम ज्वाइन करने से पहले अपना शुगर, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल, डाइट और एक्सरसाइज सभी के विषय मे जानकारी कर लेनी चाहिए. उन्होंने बताया कि जिम में अत्यधिक वर्कआउट करते समय हार्ट पम्पिंग, ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण दिल की नसें सिकुड़ जाती है जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि एक्सरसाइज करते समय यदि छाती के बीच दर्द होता है और दर्द दोनों बाजू में जाता है. साथ में पसीना, घबराहट चक्कर आते हैं, तो तुरंत एक्सरसाइज बन्द करे और तुरंत आधी डिस्प्रिन की गोली खा लें. इसके बाद टेबलेट सॉर्बिट्रेट जीभ के नीचे रख लें. इतना करने के बाद किसी अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट को दिखाकर अपनी जांच करानी चाहिए.
ये दो दवा की गोलियां हमेशा रखे साथ
डॉ. मिगलानी ने बताया कि ब्लड प्रेशर के मरीज जो हार्ट के पेशेंट भी है. उनको सर्दी में सुबह 4 बजे से 10 बजे तक घूमना नहीं चाहिए. यदि कोई पेशेंट बीपी और हार्ट का मरीज मॉर्निंग वॉक पर जात है तो उसे अपने पास डिस्प्रिन और सॉर्बिट्रेट 5mg की गोली हमेशा अपनी जेब में रखनी चाहिए. दर्द होने की स्थिति में उस व्यक्ति को तुरंत सॉर्बिट्रेट को जीभ के नीचे रखे और डिस्प्रिन को खा ले इससे तुरंत आराम मिलेगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Gym, Heart attack, Saharanpur newsFIRST PUBLISHED : December 02, 2022, 16:55 IST