शिकायत गुमने का बहाना नहीं बना सकेगी पुलिस करनी होगी एंट्री
शिकायत गुमने का बहाना नहीं बना सकेगी पुलिस करनी होगी एंट्री
अब मप्र राज्य सूचना आयोग के निर्देश के बाद थाने में आपकी हर शिकायत का एक इंट्री नंबर भी आपको उपलब्ध कराया जाएगा जिससे आप कभी भी अपनी दर्ज शिकायत पर हुई कार्यवाही की जानकारी पुलिस से ले सकते है।
हाइलाइट्सडायरी में एंट्री ना करना एवं एंट्री नंबर शिकायतकर्ता को उपलब्ध ना कराना मध्य प्रदेश हाई कोर्ट आदेश का उल्लंघन थाने में उपलब्ध रिकार्ड को सुरक्षित रखने की जवाबदारी भी होगी तय, नहीं होगी लापरवाही
भोपाल. थाने में FIR या शिकायत दर्ज कराना टेढ़ी खीर है. लिहाजा, मप्र राज्य सूचना आयोग के निर्देश के बाद थाने में आपकी हर शिकायत का एक इंट्री नंबर भी उपलब्ध कराया जाएगा. इससे आप कभी भी अपनी दर्ज शिकायत पर हुई कार्रवाई की जानकारी पुलिस से ले सकते है.
मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त राहुल सिंह के पास सतना के एक आरटीआई आवेदक कृष्णपाल दुबे की एक शिकायत पर सुनवाई की. आवेदक के शिकायत के मुताबिक उसने रामपुर बाघेलान थाने में एक शिकायत की थी. बाद में सतना एसपी कार्यालय में आरटीआई लगाकर अपनी दर्ज की गई शिकायत के बारे में जानकारी मांगी तो पुलिस थाने ने उनको जवाब दिया कि इस तरह की कोई भी शिकायत प्राप्त ही नहीं हुई थी. मामला अपील में पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी पहुंचा. वहां भी यही जवाब मिला और उसके बाद आवेदक ने जानकारी के लिए सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया. सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने इस प्रकरण में दस्तावेजों की सत्यता जानने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत जांच की तो पाया कि शिकायत थाने में आई थी. आरटीआई आवेदक के पास पुलिस थाने में शिकायत देने की पावती की रसीद मौजूद थी.
थाने में ऐसे हुई गड़बड़ आपके शहर से (भोपाल) मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश बिहार राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब भोपाल भोपाल इंदौर जबलपुर ग्वालियर अनूपपुर अलीराजपुर अशोकनगर आगर मालवा उज्जैन उमरिया कटनी खंडवा खरगोन गुना छतरपुर छिंदवाड़ा झाबुआ टीकमगढ़ डिंडोरी दतिया दमोह देवास धार नरसिंहपुर नीमच पन्ना बड़वानी बालाघाट बुरहानपुर बैतूल भिंड मंडला मंदसौर मुरैना रतलाम राजगढ़ रायसेन रीवा विदिशा शहडोल शाजापुर शिवपुरी श्योपुर सतना सागर सिंगरौली सिवनी सीहोर सीधी हरदा होशंगाबाद
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आयोग द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि शिकायत थाने में प्राप्त करने के बाद उसे जनरल डायरी में नहीं लिखा गया, ना ही उसे किसी रिकॉर्ड में दर्ज किया गया. इसके चलते थाने में उस प्राप्त की गई शिकायत के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं थी. इस प्रकरण में आयोग ने लोक सूचना अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की क्योंकि उसने सही जानकारी दी थी कि रिकॉर्ड थाने में उपलब्ध नहीं है. लेकिन शिकायत लेकर उसे रिकॉर्ड पर नहीं चढ़ाने की गड़बड़ी करने वाले एएसआई के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के आदेश राहुल सिंह ने जारी कर दिए हैं.
क्यों जरूरी है थाने मे आने वाली शिकायतों का लेखा-जोखा
सिंह ने अपने आदेश मे कहा कि अक्सर लोग अपनी शिकायतों को थाने में दर्ज कराने के लिए परेशान होते हैं. सूचना आयोग के समक्ष कई ऐसे मामले आते हैं जहां नागरिक थाने में दर्ज अपनी शिकायत पर पुलिस द्वारा क्या कार्रवाई की गई है इसकी जानकारी आरटीआई एक्ट के तहत मांगते हैं. सिंह ने कहा कि कई मामलो मे थाने में रिकॉर्ड सही ढंग से मेंटेन नहीं करने की वजह से दर्ज की गई शिकायत का कोई जानकारी उप्लब्ध नहीं होती है. थाने में गायब होती शिकायत के रिकॉर्ड को बहुत सामान्य रूप से नहीं लिया जा सकता है.
शिकायतों को रिकॉर्ड पर दर्ज नहीं करना बड़ी लापरवाही
सिंह ने साफ किया कि थाने में कई तरह की शिकायतें प्राप्त होती है. कई बार आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी हुई गंभीर किस्म की शिकायतें भी आती हैं इन शिकायतों को रिकॉर्ड पर दर्ज नहीं करने की लापरवाही को मान्य करना कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा के लिए आत्मघाती सिद्ध होगा. इसीलिए आरटीआई अधिनियम 2005 के अनुरूप थाने के थाने में आने वाली शिकायतें और उसके निराकरण में पारदर्शी व्यवस्था रखना बेहद आवश्यक है.
थाने में हाईकोर्ट के आदेश और कानून का उल्लंघन राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा कि थाने में प्राप्त होने वाली शिकायतों की डायरी में एंट्री ना करना एवं एंट्री नंबर शिकायतकर्ता को उपलब्ध ना कराना मध्य प्रदेश हाई कोर्ट आदेश का उल्लंघन है. सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के WP 18878/2020 राजेन्द्र सिंह विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन में MP Police Regulation 634 के तहत प्रदेश पुलिस को निर्देशित किया गया था कि थाने में प्राप्त होने वाली हर शिकायत को जनरल डायरी में दर्ज करने के उपरांत पुलिस शिकायतकर्ता को जनरल डायरी में दर्ज एंट्री नंबर उपलब्ध कराएगा. सिंह ने अपने इस आदेश में यह भी साफ किया कि Criminal Procedure Code section 154 & 155 में भी थाने में प्राप्त संज्ञेय (cognizable) और असंज्ञेय (non cognizable) शिकायतों को जनरल डायरी में अनिवार्य रूप से दर्ज करने को कहा गया है.
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Tags: Bhopal news, CM Madhya Pradesh MP News, Indore news, MP PoliceFIRST PUBLISHED : December 02, 2022, 16:49 IST