नोएडा फिल्म सिटी में OTT प्लेटफार्म को भी मिलेगी जगह जानें प्लान
नोएडा फिल्म सिटी में OTT प्लेटफार्म को भी मिलेगी जगह जानें प्लान
नोएडा में फिल्म सिटी (Noida Film City) बसाने के लिए तीन मॉडल पर काम हो रहा है. पहला पीपीपी (PPP) मॉडल, दूसरे मॉडल में यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) खुद सीधे तौर पर प्लॉट बेचे और तीसरा मॉडल है यमुना अथॉरिटी को सरकार से सब्सिडी मिले और अथॉरिटी नोडल एजेंसी के तौर पर फिल्म सिटी को बसाए. लेकिन आम लोगों को यहां रेस्टोरेंट, होटल और दुकान आदि के साथ ही एडिटिंग स्टूडियो और म्यूजिक डबिंग स्टूडियो समेत कई तरह के स्टूडियो (Studio) खोलने का मौका मिलेगा.
नोएडा. टेंडर के चलते नोएडा फिल्म सिटी (Noida Film City) का प्रोजेक्ट लेट होता जा रहा है. पहली बार में सिर्फ एक टेंडर (Tender) आने के बाद उस प्रक्रिया को कैंसिल कर दिया गया. लेकिन अब सितम्बर में दोबारा से फिल्म सिटी के लिए टेंडर मांगे जाएंगे. प्रोजेक्ट के लिए ज्यादा से ज्यादा टेंडर आएं, इसके लिए कंसेशन एग्रीमेंट और रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) में कुछ बदलाव किया गया है. जैसे प्राइवेट कंपनी को अब 40 साल नहीं 90 साल तक का फिल्म सिटी का लाइसेंस मिलेगा. इतना ही नहीं पूरी तरह से डवलपमेंट प्लान बनाने की छूट भी कंपनी को दी जाएगी. ओटीटी प्लेटफार्म (OTT Platform) को भी फिल्म सिटी में जगह देने की छूट दी गई है. हाल ही में लखनऊ में हुई एक बैठक के बाद सितम्बर में दोबारा से टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की फाइल पर मुहर लगाई गई है.
सिर्फ नोएडा की एक म्यूजिक कंपनी ने दिखाई थी दिलचस्पी
यमुना अथॉरिटी के सेक्टर-21 में फिल्म सिटी बनाने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए गए थे. टेंडर जारी होते ही देश-विदेश की चार बड़ी कंपनियों ने टेंडर खरीदे थे. चार बड़ी कंपनियों के सामने आने से यमुना अथॉरिटी भी काफी खुश थी. लेकिन जब टेंडर खोलने की बारी आई तो मालूम हुआ कि सिर्फ नोएडा की एक म्यूजिक कंपनी का टेंडर ही आया है.
बाकी देश-विदेश की तीन बड़ी कंपनियों के टेंडर का कोई अता-पता नहीं है. उन्होंने टेंडर खरीदे जरूर, लेकिन जमा नहीं किए. आनन-फानन में तकरीकी बिड को रोक दिया गया. इसी के चलते बहुत ही कम समय के नोटिस पर लखनऊ में बैठक बुलाई गई थी. चर्चा तो यह भी है कि फिल्म सिटी को बनाने के लिए आबूधाबी समेत सुभाष घई और एकता कपूर की कंपनियों ने भी दिलचस्पी दिखाई थी.
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इन सुविधाओं से लैस होगी फ़िल्म सिटी
स्टूडियो, रिटेल मॉल, फ़िल्म इंस्टिट्यूट, इंफ्रास्ट्रक्चर, होटल रेस्तरां, बैकलॉट सेट, एम्यूजमेंट पार्क, आवासीय मकान, ऑफिस, बैकलॉट वर्क शॉप, बैकलॉट ओपन एरिया, विला बनाए जाएंगे. हाईटेक सुविधाओं से लैस होगी फ़िल्म सिटी जिसमें तकरीबन 5,500 करोड़ का खर्च आएगा. सीईओ यमुना अथॉरिटी ने बताया कि साल 2024 तक प्रॉजेक्ट कम्पलीट करने का लक्ष्य रखा गया है. कमेटी ने निर्णय लिया है कि पहले फेज़ में फिल्म सिटी का निर्माण हो ना कि कमर्शियल विलास और अन्य चीजें, फ़िल्म से जुड़ी गतिविधियों को संचिलित किया जाए बाद में उससे जुड़ी अन्य गतिविधियां शुरू हो.
यह रहेगा रेवेन्यू मॉडल
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि फ़िल्म सिटी को हाइब्रिड मॉडल विकसित किया गया है. जिसके तहत फिक्स्ड रेवन्यू का हर साल 5 फीसद ग्रोथ रहेगा. रेवन्यू जनरेट होने पर उसमें प्रीमियम या रेवेन्यू शेयर जो ज़्यादा होगा वो अथॉरिटी को मिलेगा. प्रोजेक्ट की कॉस्ट 30-40 वर्ष में लागत निकलेगी, कन्सेशन पीरियड भी 40 वर्ष से ज़्यादा का रहेगा.
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Tags: Global Tender, Noida film city, OTT PlatformFIRST PUBLISHED : August 30, 2022, 09:28 IST