योगी और BJP की चाल में उलझे अखिलेश यादव भूल जाएंगे बहन से राखी का रिश्ता

सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी ने यूपी के करहल उपचुनाव नें ऐसा मास्टर स्ट्रोक खेला है, जिससे अखिलेश यादव के परिवार में ही खलबली मच गई है. यह सीट अगर समाजवादी पार्टी जीत भी जाती है तो उसमें मुलायम सिंह यादव के परिवार की हार ही मानी जाएगी. पढ़ें इनसाइड स्टोरी

योगी और BJP की चाल में उलझे अखिलेश यादव भूल जाएंगे बहन से राखी का रिश्ता
लखनऊ. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने करहल विधानसभा सीट को लेकर बड़ा दांव खेला है. बीजेपी ने अखिलेश यादव के बहनोई अनुजेश यादव को टिकट देकर यादव परिवार में ही दो फाड़ कर दिया है. गुरुवार को ही बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव के दामाद और सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के जीजा अनुजेश यादव को टिकट देकर करहल की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. बीजेपी के इस फैसले के बाद मुलायम सिंह यादव के परिवार में ही जंग शुरू हो सकता है. सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई हैं अनुजेश प्रताप सिंह. हालांकि, धर्मेंद्र यादव ने कह दिया है कि उनका बहन के साथ रिश्ता टूट चुका है. लेकिन, क्या बीजेपी से चुनाव लड़ने के कारण कोई भाई अपनी बहन से रिश्ता तोड़ सकता है? बीजेपी ने गुरुवार को यूपी उपचुनाव के लिए सात उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में करहल सीट से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई अनुजेश यादव को टिकट दिया है. बता दें कि समाजवादी पार्टी की यह सीट सालों से गढ़ रही है. खास बात तो ये है कि लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव खुद इस सीट से विधायक थे. मगर, कन्नौज लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने यह सीट खाली कर दिया था. अब इस सीट पर हो रहे उपचुनाव में वह रिश्तों के भंवर में उलझ कर रह गए हैं. क्या करहल जीतकर भी हार जाएंगे अखिलेश? आपको बता दें कि अनुजेश यादव का मुकाबला तेज प्रताप सिंह यादव से हो रहा है, जो मैनपुरी सीट के पूर्व सांसद रह चुके हैं. खास बात यह है कि मुलायम सिंह यादव के अपने सगे भाई के पोते हैं. ऐसे में करहल का मुकाबला भाई-बहन और राखी के रिश्तों तक पहुंच गया है. बीजेपी ने यह मुकाबला बहन-भाई के राखी के रिश्ते तक पहुंचा दिया है. ऐसे में देखना है कि क्या सैफई में एक साथ जुटने वाला परिवार करहल में बिछड़ जाएगा. बीजेपी की इस साल से यादव परिवार में खलबली बीजेपी के अनुजेश यादव के टिकट देने के फैसले से परिवार में ही अंदरखाने चर्चा शुरू हो गई होगी कि आखिर जीतेगा कोई भी लेकिन हार तो परिवार की होगी. समाजवादी पार्टी अगर जीत भी जाती है तो अखिलेश यादव उनके परिवार का ही एक सदस्य हारेगा. हालांकि, अनुजेश प्रताप सिंह यादव के साले और आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव ने बोल दिया है कि जिस दिन मेरे बहनोई ने बीजेपी से टिकट लिया उसी दिन मेरा उनसे संबंध खत्म हो गया. राखी के रिश्ते में उलझा पूरा परिवार धर्मेंद्र यादव भले कार्यकर्ताओं में बिखराव और असमंजस की स्थिति को दूर करने लिए यह बात बोल दिया. लकिन, भला कोई एक पिता के संतान होने के बावजूद धर्मेंद्र यादव अपनी बहन से रिश्ता तोड़ लेंगे? अनुजेश यादव मुलायम परिवार के दामाद हैं. वे मुलायम सिंह के अपने सगे भाई अभयराम यादव की बेटी संध्या यादव के पति हैं. आपको बता दें कि संध्या यादव मुलायम परिवार की पहली बेटी हैं, जो खुद मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. कुछ महीने पहले ही बीजेपी में शामिल होने के बाद संध्या और अनुजेश को सपा से निकाल दिया गया था. आपको बता दें कि अनुजेश यादव की मां भी मैनपुरी की घिरोर सीट से सपा की विधायक रह चुकी हैं. ऐसे में सपा से इतना नजदीकी रिश्ता अखिलेश यादव की अब रातों की नींद गायब कर रही होंगी. Tags: Akhilesh yadav, Assembly bypoll, CM Yogi Adityanath, UP newsFIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 20:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed