पंजाब की पहचान बनेंगे ये 7 विश्राम गृह सहेजी जाएगी पारंपरिक विरासत
पंजाब की पहचान बनेंगे ये 7 विश्राम गृह सहेजी जाएगी पारंपरिक विरासत
राज्य में नहरों के किनारे बने कई नहरी विश्राम गृह लम्बे अरसे से बंद पड़े हैं और उनकी हालत भी काफी खस्ता हो गई है. राज्य सरकार द्वारा पहले चरण में सात विश्राम गृहों को चिन्हित किया गया है, जिनका पीपीपी मोड पर जीर्णोद्धार कर चलाया जा सकता है. यह विश्राम गृह ढोलबाहा (होशियारपुर), खन्ना, बनूड़, कत्थू नंगर (अमृतसर), सिद्धवां बेट (लुधियाना) और चमकौर साहिब में स्थित हैं.
चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के राज्य में सरकारी सर्किट हाउस या विश्राम गृहों को फिर से रहने लायक बनाने के निर्देशों के बाद राज्य में 7 प्रमुख विश्राम गृहों को चिह्नित किया गया है. खास बात है कि ये विश्राम गृह नहरों के किनारे बने हुए हैं और पर्यटन के लिए जाने जाते हैं. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इन विश्राम गृहों के जीर्णोद्धार के अलावा इनकी पारंपरिक विरासत को सहेजा जाएगा. ऐसे में ये पंजाब राज्य की पहचान बन जाएंगे.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में सरकारी सर्किट हाऊस/विश्राम गृहों में ही ठहरने को प्राथमिकता देने और इनको पूरी तरह से प्रयोग में लाने के निर्देशों दिए थे. इसके बाद काफी समय से बंद पड़ सात नहरी विश्राम गृहों को चिन्हित किया गया है. जिनका जीर्णोद्धार कर फिर से चालू किए जाएगा.
पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ द्वारा नहरी विश्राम गृहों को फिर से क्रियाशील करने के लिए जल संसाधन विभाग और पंजाब बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (पीआईडीबी) के अधिकारियों के साथ बैठक में इन विश्राम गृहों को लेकर फैसला लिया गया. आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर) राज्य चुनें उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर
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जंजुआ ने बताया कि राज्य में नहरों के किनारे बने कई नहरी विश्राम गृह लम्बे अरसे से बंद पड़े हैं और उनकी हालत भी काफी खस्ता हो गई है. राज्य सरकार द्वारा पहले चरण में सात विश्राम गृहों को चिन्हित किया गया है, जिनका पीपीपी मोड पर जीर्णोद्धार कर चलाया जा सकता है. यह विश्राम गृह ढोलबाहा (होशियारपुर), खन्ना, बनूड़, कत्थू नंगर (अमृतसर), सिद्धवां बेट (लुधियाना) और चमकौर साहिब में स्थित हैं.
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इनके जीर्णोद्धार के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाए कि इन विश्राम गृहों के विरासती रूप से किसी तरह का कोई खिलवाड़ ना किया जाए और पुरातन पारम्परिक रूप को कायम रखते हुए मौजूदा जरूरतों के अनुसार अंदर से तैयार किया जाए. उन्होंने जल संसाधन विभाग को और ऐसे विश्राम गृहों को चिन्हित करने संबंधी कहा, जो इस समय पर खस्ता हाल के कारण बंद पड़े हैं और इनको दूसरे चरण में तैयार किया जाए.
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Tags: CM Bhagwant Mann, Punjab newsFIRST PUBLISHED : December 01, 2022, 13:29 IST