केंद्र सरकार कर दे समाधान तो पराली नहीं जलाएंगे किसान बोले पंजाब के सीएम
केंद्र सरकार कर दे समाधान तो पराली नहीं जलाएंगे किसान बोले पंजाब के सीएम
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि किसानों को धान की फसल काटने और गेहूं की बुवाई के बीच 10-12 दिन का समय मिलता है. उन्होंने कहा कि कोई सार्थक विकल्प न होने के कारण किसान मजबूरन पराली को आग लाने पर निर्भर हैं. मान ने कहा कि अगर केंद्र इसका हल कर दे तो किसान कभी भी धान की पराली को आग नहीं लगाएंगे.
चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने धान के अगले सीजन तक पंजाब को पराली जलाने से मुक्त करने का वादा किया है. उन्होंने कहा है कि अगले सीजन तक वे कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे. भगवंत मान ने कहा कि राज्य में सरकार बहु-समर्थकी रणनीति पर काम कर रही है और इस समस्या का कोई ठोस हल निकालने के लिए पहले ही कृषि माहिरों और किसान यूनियनों के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से धान की पराली के उचित प्रबंधन के लिए 1.20 लाख मशीनें पहले ही मुहैया करवाई जा चुकी हैं और चूंकि यह पूरे उत्तर भारत की समस्या है इसलिए केंद्र सरकार को सभी प्रभावित राज्यों की तरफ से इस मामले के साझा हल के लिए दखल देना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को फसलीय विभिन्नता अपनाने के लिए उत्साहित कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इन फसलों के लिए लाभदायक समर्थन मूल्य देना चाहिए. भगवंत मान ने कहा कि इससे किसानों को वैकल्पिक फसलें अपनाने के लिए उत्साहित करने और इस समस्या का हल करने में मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को धान की फसल काटने और गेहूं की बुवाई के बीच 10-12 दिन का समय मिलता है. उन्होंने कहा कि कोई सार्थक विकल्प न होने के कारण किसान मजबूरन पराली को आग लाने पर निर्भर हैं. मान ने कहा कि अगर केंद्र इसका हल कर दे तो किसान कभी भी धान की पराली को आग नहीं लगाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों पंचायतों की तरफ से धान की पराली न जलाने का प्रस्ताव पास किये जाने के बाद राज्य सरकार ने इन किसानों को उत्साहित किया है. उन्होंने कहा कि देश को इस बात पर मान महसूस होता है कि हर साल फसल की बंपर पैदावार से अन्न भंडार लबालब भरे जाते हैं लेकिन हम इस सच्चाई को भूल जाते हैं कि इससे धान की पराली की पैदावार में भी विस्तार हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में किसान 75 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की कृषि करते हैं जिसमें से 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में पैदा धान की पराली को जलाया जाता है. उन्होंने कहा कि बाकी किसान कभी भी आग लगाने के रुझान को नहीं अपनाते, क्योंकि इससे वातावरण प्रदूषित होता है. भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने संगरूर में बायो एनर्जी उत्पादन का प्लांट लगाया है और राज्य भर में ऐसे और प्लांट लगाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पंजाब के किसानों ने देश को अनाज उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है.उन्होंने धान की पराली न जलाने के बदले किसानों को सांझे तौर पर 2500 रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता देने की पेशकश करके पराली जलाये जाने का सार्थक हल पेश किया था. हालांकि केंद्र ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने की बजाय किसानों को इस समस्या से निजात देने से साफ इन्कार कर दिया.
इसी तरह भगवंत मान ने कहा कि धान की पराली के प्रबंधन के लिए ठोस हल प्रदान करने के लिए बड़ी संख्या में निवेशक राज्य में आकर बायो ऊर्जा प्लांट लगाना चाहते हैं. केंद्र को ऐसे लम्बित प्रोजेक्टों को तुरंत मंजूरी देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब का किसान धान की पराली को न जलाने के प्रति पूरी तरह संजीदा है क्योंकि वे जानते हैं कि इससे उनके परिवार पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा. भगवंत मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह पूरे उत्तर भारत की समस्या है, इसलिए केंद्र सरकार को इस मुद्दे का हल ढूंढने के लिए मीटिंग बुलानी चाहिए.
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Tags: CM Bhagwant Mann, Punjab news, Stubble BurningFIRST PUBLISHED : November 06, 2022, 14:27 IST