Opinion: दलित–मुस्लिम गठबंधन: अतीत का छल वर्तमान का प्रपंच
1947 में जब भारत आजाद हुआ तो देशवासियों को उसका जश्न मनाने का समय भी नहीं मिला. देश के करोड़ों लोग विभाजन के समय हुई हिंसा और पलायन का दर्द झेलने को मजबूर हुए. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मौजूदा बांग्लादेश के कलशिरा गांव के 350 घरों में केवल तीन लोग ही बचे, बाकी राख में बदल गए.
