NEET UG Exam: नीट यूजी परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से इसका कॉम्पिटीशन लेवल भी काफी हाई रहता है. बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स स्कूली पढ़ाई के साथ नीट यूजी परीक्षा की तैयारी करते हैं. जानिए मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यानी नीट यूजी परीक्षा की तैयारी कब से शुरू कर देनी चाहिए.
नई दिल्ली (NEET UG Exam). 12वीं के बाद अलग-अलग स्ट्रीम के हिसाब से कई एंट्रेंस एग्जाम होते हैं. मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस, बीडीएस जैसे कोर्स में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स नीट यूजी परीक्षा देते हैं. नीट का फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट है. नीट देश की ही नहीं, दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं की लिस्ट में शामिल है. हर साल लाखों स्टूडेंट्स 12वीं के बाद नीट यूजी परीक्षा देते हैं. 2024 में भी करीब 25 लाख स्टूडेंट्स ने नीट यूजी परीक्षा दी थी.
नीट यूजी परीक्षा की तैयारी कब शुरू करें? ज्यादातर पैरेंट्स और बच्चे इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश में लगे रहते हैं. नीट परीक्षा का स्तर बहुत कठिन होता है. लेकिन इसकी तैयारी इंडिविजुअल स्टूडेंट पर निर्भर करती है. कुछ बच्चे बिना किसी ईयर ड्रॉप के अपने पहले प्रयास में नीट यूजी परीक्षा पास कर लेते हैं तो कुछ कई सालों तक ड्रॉप लेने के बावजूद इसकी कटऑफ लिस्ट में शामिल नहीं हो पाते हैं. फिर कैसे तय करें कि आपको किस क्लास से इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए?
NEET UG Age Limit: न हो उम्र का बंधन
जिस तरह से नीट यूजी परीक्षा देने के लिए उम्र का कोई बंधन या दायरा तय नहीं किया गया है, उसी तरह से इसकी तैयारी के लिए भी कोई उम्र सेट नहीं की गई है. कई पैरेंट्स बच्चों को छठी या 8वीं से नीट कोचिंग क्लासेस में एडमिशन दिलवा देते हैं. हालांकि ज्यादातर एक्सपर्ट का मानना है कि इस उम्र में बच्चों के बेसिक्स मजबूत हो रहे होते हैं. ऐसे में वह बिना ट्यूशन, कोचिंग के भी पढ़ाई कर सकते हैं. उन पर नीट जैसी बड़ी परीक्षा का दबाव नहीं डाला जाना चाहिए.
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What is NEET Syllabus: 11वीं से समझें नीट की परिभाषा
माता-पिता व शिक्षक बच्चों को 9वीं से करियर ऑप्शन के बारे में बताना शुरू कर सकते हैं. उन्हें कई ऑप्शन्स बताएं. वह 10वीं तक डिसाइड कर सकते हैं कि उन्हें आगे क्या करना है. नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में ज्यादातर सवाल NCERT सिलेबस पर आधारित होते हैं. 11वीं, 12वीं में स्टूडेंट्स स्कूल सिलेबस के साथ ही नीट परीक्षा की तैयारी भी कर सकते हैं. इससे उन पर एक्सट्रा दबाव नहीं पड़ेगा और वह नीट सिलेबस को आसानी से समझ भी सकते हैं.
NEET Career Options: नीट में फेल होने पर क्या करें?
हर साल 20-25 लाख स्टूडेंट्स नीट यूजी परीक्षा देते हैं. उनमें से सभी उसी प्रयास में सफल नहीं हो पाते हैं. इसलिए मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि वह बैकअप प्लान यानी प्लान बी की तैयारी जरूर करें. आप चाहें तो बीएससी या नर्सिंग में एडमिशन ले सकते हैं. इसके अलावा ग्रेजुएशन के किसी कोर्स में दाखिला लेकर नीट की तैयारी जारी रख सकते हैं. नीट यूजी में अटेंप्ट्स पर कोई लिमिट सेट नहीं की गई है.
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Drop Year for NEET: नीट में कितने सालों का ड्रॉप ले सकते हैं?
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट में उम्र की सीमा या प्रयासों की सीमा जैसा कुछ तय नहीं किया गया है. आप चाहे जितनी बार और जितनी भी उम्र तक नीट परीक्षा दे सकते हैं. ज्यादातर स्टूडेंट्स एक या दो सालों तक ड्रॉप लेकर नीट परीक्षा की तैयारी करते हैं. अगर तब भी सफल नहीं हो पाते हैं तो किसी कॉलेज में एडमिशन लेकर डिग्री हासिल करते हैं और साथ ही नीट की तैयारी भी करते रहते हैं. आप भी ऐसा कर सकते हैं. हालांकि सिर्फ नीट के चक्कर में 5-6 साल बर्बाद न करें.
Tags: Entrance exams, Medical Education, NEET, Neet examFIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 06:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed