ISRO में साइंटिस्ट UPSC में 4 बार सफल फिर भी नहीं मिली कोई सर्विस
ISRO में साइंटिस्ट UPSC में 4 बार सफल फिर भी नहीं मिली कोई सर्विस
Kartik Kansal UPSC Story: आईएएस पूजा खेडकर विवाद के बीच यूपीएससी परीक्षा के एक और कैंडिडेट का नाम चर्चा में है. उत्तराखंड के रहने वाले दिव्यांग कार्तिक कंसल इसरो में साइंटिस्ट हैं. उन्होंने 4 बार यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास की लेकिन सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर पाए. पढ़िए उनकी पूरी कहानी.
नई दिल्ली (Kartik Kansal UPSC Story). महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर चर्चा में हैं (IAS Puja Khedkar). जांच में सामने आया है कि उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी नौकरी हासिल की. इसी बीच यूपीएससी के एक अन्य कैंडिडेट का मामला भी सुर्खियों में छाया हुआ है. हम बात कर रहे हैं इसरो में साइंटिस्ट कार्तिक कंसल की. वह 4 बार यूपीएससी परीक्षा पास कर चुके हैं लेकिन फिर भी उन्हें किसी सर्विस में अलॉटमेंट नहीं मिला.
इसरो साइंटिस्ट कार्तिक कंसल की कहानी काफी मोटिवेशनल है (Kartik Kansal ISRO). उनकी योग्यता उनकी दिव्यांगता को मात देती है. उनकी उड़ान के आगे हर कमजोरी पीछे छूट जाती है. कार्तिक कंसल डिसेबिलिटी की PwBD-1 श्रेणी में आते हैं. वह उत्तराखंड के रुड़की के रहने वाले हैं. कार्तिक मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित हैं. इस बीमारी में समय के साथ मांसपेशियां कमजोर होती जाती हैं. बता दें कि वह 14 साल की उम्र से व्हीलचेयर पर हैं. वह पढ़ाई-लिखाई में होशियार और मन से बहुत मजबूत हैं.
Kartik Kansal Biography: कौन हैं कार्तिक कंसल?
कार्तिक कंसल ने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है. फिल्हाल वह इसरो में साइंटिस्ट के तौर पर नौकरी कर रहे हैं. ऑल इंडिया सेंट्रल रिक्रूटमेंट के जरिए उनका चयन भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन में हुआ था. 8 साल की उम्र में उन्हें मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का पता चला. इसकी वजह से वह 14 साल की उम्र से व्हीलचेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह बीमारी जेनेटिक बताई जा रही है और इसका इलाज मुमकिन नहीं है.
यह भी पढ़ें- पूजा खेडकर कहां गायब हो गईं? बंद है मोबाइल, पुणे पुलिस को भी नहीं है जानकारी
Kartik Kansal UPSC: यूपीएससी परीक्षा में 4 बार सफल
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं की लिस्ट में शामिल है. इसे पास कर पाना आसान नहीं है. कुछ कैंडिडेट्स को यूपीएससी सीएसई पास करने में कई सालों का वक्त लग जाता है. लेकिन कार्तिक कंसल ने कई सालों तक लगातार इस परीक्षा में सफलता हासिल की. इससे पता चलता है कि वह कितने होशियार, मेहनती और दृढ़ निश्चयी हैं. उन्होंने 2019 (रैंक 813), 2021 (रैंक 271), 2022 (रैंक 784) और 2023 ( रैंक 829) में सिविल सेवा परीक्षा पास की थी.
यह भी पढ़ें- LBSNAA में मुलाकात, अफसर बनने के बाद की शादी, एक IAS और दूसरे हैं IPS
Kartik Kansal Motivational Story: किसी सर्विस में चयन क्यों नहीं हुआ?
कार्तिक कंसल के दिव्यांगता सर्टिफिकेट में कहा गया था कि वह 60% दिव्यांग हैं, लेकिन एम्स बोर्ड की जांच में 90% दिव्यांगता की पुष्टि हुई है. संघ लोक सेवा आयोग ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी को भारतीय राजस्व सेवा (इनकम टैक्स) ग्रुप ए और भारतीय राजस्व सेवा (कस्टम एंड एक्साइज) के लिए पात्र उम्मीदवारों की सेवा शर्तों में शामिल किया था. कार्तिक कंसल ने अपनी वरीयता सूची में इन सेवाओं का चयन किया था, लेकिन फिर भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिली.
Kartik Kansal UPSC: वैकेंसी के बावजूद नहीं हुआ सेलेक्शन
2019 में 813वीं रैंक के साथ कार्तिक कंसल को सर्विस अलॉट की जा सकती थी. उस साल लोकोमोटर डिसेबिलिटी के तहत 15 वैकेंसी थीं, जिनमें से 14 पदों पर नियुक्ति हो पाई थी. फिर 2021 में लोकोमोटर डिसेबिलिटी कैटेगरी में 7 पदों में से सिर्फ 4 पद ही भरे गए. कार्तिक कंसल इस कैटेगरी में पहली पोजिशन पर थे, लेकिन फिर भी उन्हें निराशा मिली. 2021 में उनकी रैंक बेस्ट थी और आईएएस के लायक भी मगर तब UPSC ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी को IAS के लिए पात्र उम्मीदवारों की सेवा शर्तों में शामिल नहीं किया था.
यह भी पढ़ें- ‘भारत का पेरिस’ किसे कहते हैं? पास कर लेंगे हर परीक्षा, रट लें ये 20 जवाब
Kartik Kansal CAT: कैट में पेंडिंग है कार्तिक का केस
कार्तिक कंसल सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में अपना केस लड़ रहे हैं. 2021 से उनके UPSC रिजल्ट के आधार पर मामला कैट में पेंडिंग है. यूपीएससी नोटिफिकेशन 2021 के अनुसार, डिसएबिलिटी मानदंड 2 चीजों- फंक्शनल क्लासिफिकेशन और फिजिकल रिक्वायरमेंट पर आधारित है. आवंटन की प्रक्रिया के दौरान, DoPT मे कार्तिक को बताया कि उनकी फंक्शनल क्लासिफिकेशन और फिजिकल रिक्वायरमेंट उस सेवा की आवश्यकताओं के मुताबिक नहीं हैं, जिसके लिए उन्होंने आवेदन किया था.
Tags: Motivational Story, Success Story, UPSC, Upsc resultFIRST PUBLISHED : July 21, 2024, 09:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed