भारत की कूटनीति का दिखने लगा असर चीन को भी आ गई अक्ल सब मामले हो जाएंगे हल

India China Relation: चीन और भारत दोनों पक्ष अरुणाचल प्रदेश में मुद्दों के समाधान के लिए गतिरोध-पूर्व स्थिति को ध्यान में रखते हुए समाधान तलाश रहे हैं. इसमें अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को ध्यान में रखते हुए संभावित समाधान की रूपरेखा तलाशना शामिल है.

भारत की कूटनीति का दिखने लगा असर चीन को भी आ गई अक्ल सब मामले हो जाएंगे हल
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच कुछ समय पहले तनाव की स्थिति बनी हुई थी. लेकिन भारत ने कूटनीति के दम पर चीन के साथ तनाव को कम किया है. भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लंबित मुद्दों पर मतभेदों को कम करने में “महत्वपूर्ण प्रगति” हुई है. इसमें अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को ध्यान में रखते हुए संभावित समाधान की रूपरेखा तलाशना शामिल है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में मौजूदा मुद्दों को हल करने पर सहमति बनी है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने कहा कि इसका अर्थ यह हो सकता है कि भारतीय सैनिक, जिनकी LAC के साथ कुछ गश्त बिंदुओं तक पहुंच या तो चीनी सैनिकों द्वारा अवरुद्ध कर दी गई थी या विशिष्ट तनाव वाले प्वाइंट पर बनाए गए बफर जोन के कारण रुक गई थी अब फिर से उन तक पहुंचने के करीब हो सकते हैं. पढ़ें- क्या है चीन की नई बला ICBM, कितना खतरनाक है ड्रैगन का यह हथियार, अमेरिका तक डर का मंजर कैसे दूर हुआ तनाव? शीर्ष अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह घटनाक्रम दोनों पक्षों के बीच हाल ही में हुई कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर की वार्ता के दौरान हुआ. बीजिंग में 29 अगस्त को आयोजित भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए 31वें कार्य तंत्र (WMCC) वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल में भारतीय सेना के प्रतिनिधि भी शामिल थे. भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर पर 22वें दौर की सैन्य वार्ता अब जल्द ही होने की उम्मीद है. इसमें आपसी सहमति के आधार पर दोनों पक्षों की ओर से सैनिकों की तैनाती के तौर-तरीकों, जिसमें समय-सीमा भी शामिल है, को तय किया जाएगा. एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात सैनिक अलर्ट की स्थिति में हैं. हालांकि, वे किसी भी टकराव से बच रहे हैं, जिससे विश्वास में कमी आ सकती है और पुन: तैनाती की योजना में देरी हो सकती है. विश्वास बहाली के उपाय के रूप में, झड़पों से बचने के लिए दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडर भी बैठक कर रहे हैं. पूर्वी लद्दाख में तैनात 50,000-60,000 अतिरिक्त सैनिकों के लिए शीतकालीन तैनाती, जो इस साल चल रहा है, जारी रहेगा और जबकि एलएसी पर सैनिकों की फिर से तैनाती हो सकती है, वापसी और डी-एस्केलेशन एक लंबा मामला होने की संभावना है. लेटेस्ट घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख के लिए एक अतिरिक्त डिवीजन गठित करने की योजना पहले से ही चल रही है, तथा कम से कम एक ब्रिगेड आंशिक रूप से उस स्थान पर पहुंच रही है. Tags: Galwan Valley, India chinaFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 11:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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