डॉक्‍टर बनने का था सपना नीट परीक्षा में किया टॉप 7 साल बाद उठाया ऐसा कदम

जरा सोचिए जिन आंखों में डॉक्‍टर बनने के ख्‍वाब पल रहे हो, एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुका हो, मां-बाप से लेकर टीचर तक उस पर गर्व करते हो, ऐसा होनहार अगर अचानक से दुनिया को अलविदा कह दे, तो इसे क्‍या कहेंगे. ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है.

डॉक्‍टर बनने का था सपना नीट परीक्षा में किया टॉप 7 साल बाद उठाया ऐसा कदम
NEET Topper Story: 2017 की नीट परीक्षा में टॉप करने वाले को शायद कुछ लोग भूल गए होंगे, लेकिन ऑल इंडिया में नंबर वन रैंक लाने वाले के मां बाप और उसके टीचर भला इसे कैसे भूल सकते हैं. न जानें कितने सपने उसके चाहने वालों ने देखे होंगे, लेकिन जब अचानक उसके दुनिया से जाने की खबर मिली, तो हर कोई सहम गया. एक पल के लिए किसी को कुछ भरोसा नहीं हो रहा था. ये कहानी है डॉ. नवदीप सिंह की. नवदीप का सपना डॉक्‍टर बनने का था, लिहाजा उसने जी तोड़ मेहनत की. अब उनकी मेहनत और पढ़ाई का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 25 वर्षीय डॉ. सिंह ने वर्ष 2017 में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में टॉप किया था. उन्‍होंने नीट की 2017 की परीक्षा में ऑल इंडिया में नंबर वन रैंक हासिल की और इस तरह एमबीबीएस डॉक्‍टर बनने का सपना पूरा कर लिया. अब वह दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC)में एमडी की पढ़ाई कर रहे थे. वह एमडी के दूसरे वर्ष के स्‍टूडेंट थे कि अचानक कमरे में वह मृत पाए गए. डॉ. नवदीप सिंह पंजाब के मुक्‍तसर जिले के रहने वाले थे. फोन नहीं उठा तो दोस्‍त को भेजा एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि डॉ. नवदीप सिंह कॉलेज के हॉस्‍टल में ही रहते थे. जब उनका फोन नहीं उठा, तो उनके पिता ने एक दोस्‍त को चेक करने के लिए भेजा, लेकिन दोस्‍त ने पाया कि उनके हॉस्टल के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि उन्होंने आत्महत्या की है. इसकी जांच जारी है, हालांकि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पिता ने बताया बेटा क्‍यों बनना चाहता था डॉक्‍टर डॉ. नवदीप सिंह के पिता गोपाल सिंह, मुक्तसर जिले के सरायनागा गांव के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं. उनका कहना है कि वह भौतिकी के शिक्षक हैं, शायद यही कारण था कि उनके बेटे की विज्ञान में रुचि हुई और वह डॉक्टर बनना चाहता था. उन्‍होंने कहा कि नवदीप ने जून 2017 में NEET में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 हासिल की थी. कम फीस लगे इस वजह से उसने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया. नवदीप के पिता बताते हैं कि वह शुरू से ही डॉक्‍टर बनना चाहता था, इसीलिए उसने नीट की तैयारी पर पूरा समय दिया. यही कारण रहा कि 12वीं में उसके मार्क्‍स सिर्फ 88% ही रहे. क्‍या हुआ था जब नवदीप ने किया था टॉप तमकोट गांव के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाध्यापक कपिल शर्मा कहते हैं कि जब नवदीप ने ऑल इंडिया लेवल पर नीट की परीक्षा टॉप किया था. तब लोगों को उसकी प्रतिभा का पता चल पाया. कई जगहों पर उसको सम्‍मानित भी किया गया. वह उन तमाम युवाओं का प्रेरणास्रोत बन गया था, जो जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते थे, लेकिन इस घटना ने सबको सन्‍न कर दिया है. उन्‍होंने बताया कि शनिवार की शाम को ही गोपल ने नवदीप से बात की थी, लेकिन कभी ऐसा संकेत नहीं मिला कि वह तनाव में है. वह हमेशा अपने माता-पिता से हर बात साझा करता था. हमें यह जानकर आश्चर्य हो रहा है कि उसने इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया. Tags: MBBS student, NEET, Neet exam, NEET Topper, Punjab, Punjab newsFIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 16:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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