इस स्कूल की बिल्डिंग हो गई है लापता बाथरूम जैसे कमरों में पढ़ रहे बच्चे
इस स्कूल की बिल्डिंग हो गई है लापता बाथरूम जैसे कमरों में पढ़ रहे बच्चे
Noida News: आपने तक कई स्कूल देखें होंगे, लेकिन नोएडा का बिना बिल्डिंग वाला स्कूल थोड़ा अलग है. यहां स्टूडेंट्स बाथरूम जैसे कमरों में पढ़ाई कर रहे हैं.
सुमित राजपूत/नोएडा: एक कहावत है, खजूर के पेड़ से उतारकर बबूल पर लटकाया! नोएडा के एक प्राइमरी स्कूल का हाल भी कुछ इस तरह का ही है. सेक्टर 45 में स्थित प्राइमरी स्कूल को अबतक अपनी खुद की स्थाई जगह और बिल्डिंग नहीं मिल पाई है, जिसकी तलाश स्कूल के हेडमास्टर और बच्चे दोनो मिलकर खोज रहे हैं. यही वजह है कि छात्र पहले वाटर पंप के दो कमरों में पढ़ने को मजबूर हुए. जब उसकी हालत ज्यादा जर्जर हो गई, तो इस स्कूल के छात्रों को काशीराम सोसाइटी के कमरों में शिफ्ट कर दिया. अभी तक शिक्षा विभाग और नोएडा प्राधिकरण स्कूल को खुद की जगह नहीं दे पाया है.
प्राइमरी स्कूल की बिल्डिंग लापता
कई स्कूलों की कहानी आपने सुनी होंगी, लेकिन यह वाली थोड़ी अलग है. बच्चों के पास पढ़ने की जगह ही नहीं है. उनका कहना है कि मजबूरी है इस गुसलखाने जैसे कमरों में बैठकर पढ़ाई करना और सड़क पर खेलना पड़ता है. आपको बता दें कि इस स्कूल में फिलहाल कुल 211 छात्र पंजीकृत हैं. जबकि पढ़ने डेढ़ सौ के लेकर 200 तक हर रोज आते हैं.स्कूल के प्रिंसिपल की माने तो स्कूल की स्थापना यहां के प्रवासी या गरीब बच्चो को पढ़ाने के लिए 2011 में हुई थी. तब इसे वर्तमान स्कूल की दूरी से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित वाटर पंप के दो कमरों में शुरू किया गया था.
प्रिंसिपल ने बताई पूरी सच्चाई
प्रिंसिपल संजय कुमार ने बताया कि उन्होंने स्कूल में इस पद को 2015 में संभाला है. जब उन दोनो कमरों की हालात ज्यादा जर्जर हो गई. तो प्राधिकरण और शिक्षा विभाग से काफी निवेदन करने पर स्कूल को सोसाइटी के इन कमरों में शिफ्ट करा दिया. प्रिंसिपल का कहना है कि वो स्कूल को स्थाई जमीन पर बनवाने के लिए प्राधिकरण और शिक्षा विभाग के चक्कर काटते काटते थक गए, लेकिन किसी के कान पर जूं नही रेंगती.
सड़क पर खेलते हैं बच्चे
स्कूल में पढ़ने वाली चिंकी, रानी और सपना जोकि चौथी क्लास की छात्राएं है. लोकल 18 को बताया कि हमें स्कूल में शिक्षा सही मिलती है. खाना भी हर रोज में मिलता है. लेकिन खेलने के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं है. सुबह को जब प्रार्थना होती है, तो हमे सड़क पर खड़े होकर करनी पड़ती है. प्ले ग्राउंड न होने के चलते हमारे स्कूल में एक्टिविटी भी नहीं होती.
Tags: Local18, Noida newsFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 17:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed