अब वो करेगी बसपा जो कभी नहीं किया मायावती के फैसले से हिल गई पार्टियां

UP Politics: बहुजन समाजवादी पार्टी अब ऐसा कदम उठाने जा रही है, जो अब तक कभी नहीं किया. बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी में उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है.

अब वो करेगी बसपा जो कभी नहीं किया मायावती के फैसले से हिल गई पार्टियां
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अब बड़ा कदम उठाने जा रही है. पार्टी ने अब तक जो कभी नहीं किया वह करने वाली है. बसपा चीफ मायावती ने ऐलान किया है कि वह यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने उपचुनाव में उम्मीदवार उतारेगी. बता दें कि बसपा हमेशा उपचुनावों से दूर रही है, लेकिन इस बार बसपा नेता मायावती ने कहा कि प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है. उन्होंने रविवार को ऐलान किया कि निकट भविष्य में राज्य की 10 रिक्त विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में उनकी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी और पूरे दमखम से चुनाव लड़ेगी. मायावती ने लखनऊ में प्रदेश कार्यालय में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की एक समीक्षा बैठक में उपचुनाव लड़ने की घोषणा की है. अमूमन उपचुनावों से दूर रहने वाली बसपा ने इस उपचुनाव को पूरे दमखम से लड़ने का फैसला किया है. बसपा मुख्‍यालय से जारी एक बयान के मुताबिक, मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में रिक्त हुई 10 विधानसभा सीटों पर प्रस्तावित उपचुनावों के लिए अभी चुनाव की तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इसे लेकर सरगर्मी लगातार बढ़ रही है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि खासकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सरकार ने इसे (उपचुनाव को) प्रतिष्ठा का प्रश्न बना दिया है. इस कारण इन उपचुनावों में लोगों की रुचि काफी बढ़ी है, लिहाजा बसपा ने भी इन उपचुनावों में सभी (10) सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने और पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बसपा प्रमुख ने इस बयान की प्रति अपने आधिकारिक ‘एक्‍स’ हेंडल पर भी शेयर की है. उन्होंने आग्रह किया कि चूंकि, बसपा गरीबों, वंचितों और पीड़ितों की पार्टी है. दूसरे दलों की तरह यह बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के सहारे और इशारे पर नहीं चलती है. इसलिए इसके समर्थक पूरे तन-मन-धन से सहयोग कर पार्टी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएं. यह भी पढ़ेंः 8 कोच, 600 सीटें, केसरिया रंग… वाराणसी को 5वीं बार मिली वंदे भारत ट्रेन, यहां जानें सब डिटेल यूपी में साल 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की कुल 403 सीटों में से सिर्फ एक सीट जीतने और लोकसभा चुनाव में पूरी तरह सफाया होने के बाद बसपा की उम्मीदें उपचुनावों पर टिकी हैं. आरक्षण को लेकर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अंदर उप-वर्गीकरण और क्रीमी लेयर से जुड़े मामलों के बीच बसपा प्रमुख अब पूरे तेवर में दिख रही हैं. उत्तर प्रदेश के नौ विधायकों ने लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद विधानसभा से इस्तीफा दे दिया, जबकि इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में सजा सुनाये जाने के बाद उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया. वह कानपुर के सीसामऊ से समाजवादी पार्टी के विधायक थे. इस तरह प्रदेश में विधानसभा की कुल 10 सीटें रिक्त हुई हैं. विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग को 10 रिक्त सीटों की सूचना भेज दी गई है. उत्तर प्रदेश की करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर, मझवां और सीसामऊ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. हालांकि अभी उपचुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की गई है. समीक्षा बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए बसपा प्रमुख ने दावा किया कि प्रदेश व पूरे देश में बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और पिछड़ेपन आदि को रोक पाने में सरकार की विफलता के कारण लोगों में आक्रोश है. भाजपा लगातार ध्‍यान भटकाने का प्रयास कर रही है. मायावती ने आरोप लगाया कहा कि इन मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए वे (भाजपा) विनाशकारी बुलडोजर राजनीति का सहारा ले रहे हैं. लगातार नए जातिवादी और धार्मिक उन्‍माद/विवाद पैदा करने का षड्यंत्र रच रहे हैं. बसपा प्रमुख ने दावा किया कि इसी क्रम में धर्मांतरण पर नया कानून (लाया गया है), एससी-एसटी समाज के लोगों का उप-वर्गीकरण और क्रीमी लेयर उन्हें विभाजित करने का नया प्रयास है. जातिगत जनगणना को नकारना, मस्जिदों-मदरसों और वक्फ के संचालन में सरकारी हस्तक्षेप किया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि जनता का गरीब और मेहनतकश वर्ग स्वाभिमान के साथ जीने, सम्मान के साथ रोजी-रोजगार कमाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सरकार इसपर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही. बसपा प्रमुख ने कहा कि सरकार की नीयत और नीति पर जनता अब आंख बंद कर विश्वास नहीं करती है. लिहाजा, बसपा को अपनी गरीब और सर्वजन हितकारी ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ की नीति और सिद्धांत के जरिए जनता का विश्वास जीतने का प्रयास जारी रखना होगा, जिसका चुनावी लाभ भी जरूरी और स्वाभाविक है. Tags: By election, Lucknow news, UP newsFIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 17:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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