पीतल नगरी में धंधा हुआ मंदा निर्यातक इन क्षेत्रों में करने लगे हैं निवेश

निर्यात में सालभर से चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच निर्यातक अब दूसरे कारोबार में भी हाथ आजमाने लगे हैं. मुरादाबाद के 20 फीसदी निर्यातक प्रापर्टी, होटल, रेस्टोरेंट समेत अन्य कारोबार में उतर चुके हैं. पीतलनगरी में हर साल औसतन 8 से 9 हजार से करोड़ का निर्यात होता है. वहीं पिछले पांच महीने में निर्यात में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है.

पीतल नगरी में धंधा हुआ मंदा निर्यातक इन क्षेत्रों में करने लगे हैं निवेश
मुरादाबाद. निर्यात में सालभर से चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच निर्यातक अब दूसरे कारोबार में भी हाथ आजमाने लगे हैं. मुरादाबाद के बीस फीसदी निर्यातक प्रापर्टी, होटल, रेस्टोरेंट समेत अन्य कारोबार में उतर चुके हैं. वहीं दूसरे निर्यातक भी उनके नक्शेकदम पर चलने की तैयारी में हैं. पीतलनगरी हस्तशिल्प उद्योग के लिए देश-दुनिया में मशहूर है. इस कारोबार से शहर के छोटे-बड़े करीब 2400 निर्यातक जुड़े हैं. ये मुरादाबाद के हस्तशिल्प उद्योग को विदेश में अलग पहचान दिलाते हैं. निर्यात में 50 फीसदी तक आ गई है कमी मुरादाबाद जिले से हर साल औसतन 8 से 9 हजार से करोड़ का निर्यात होता है. इसमें सबसे अधिक हिस्सेदारी अमेरिका की है. लेकिन, पिछले एक साल से निर्यात में उतार-चढ़ाव चल रहा है. कभी रुस-यूक्रेन युद्ध कारोबार के आड़े आया तो कभी इजराइल-हमास युद्ध रुकावट बना. अमेरिका की आर्थिक मंदी ने भी निर्यात को प्रभावित किया है. यही वजह है कि पांच महीने में निर्यात में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है. इस गिरावट ने निर्यातकों को कारोबार के दूसरे क्षेत्रों में उतरने की राह दिखाई है. हस्तशिल्प उद्योग के साथ-साथ निर्यातकों ने होटल, रेस्टोरेंट, रिसॉर्ट, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल से जुड़े कारोबार में भी हाथ आजमाना शुरू कर दिया है. निर्यातकों ने ये कारोबार मुरादाबाद के अलावा दूसरे प्रदेशों में भी शुरू किया है. निवेश के लिए उत्तराखंड और नोयडा बनी पहली पसंद दूसरे कारोबार में निवेश के लिए मुरादाबाद के निर्यातकों की पहली पसंद उत्तराखंड और नोएडा है. निर्यातकों ने देहरादून, नैनीताल, हल्द्वानी में स्कूल और रेस्टोरेंट खोल लिया है. इसके अलावा नोएडा में जेवर के आस-पास के इलाकों में प्रापर्टी का कारोबार कर रहे हैं. कुछ निर्यातक विदेश में भी निवेश करने लगे हैं. मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव अवधेश अग्रवाल ने बताया कि पिछले कुछ समय से निर्यात में गिरावट आई है. इसके कई कारण है. जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-हमास युद्ध, अमेरिका में आर्थिक मंदी, कंटेनरों के रेट में तीन गुना वृद्धि, स्थानीय स्तर पर कच्चे माल में 15 फीसदी की वृद्धि एवं चीन के बंद बाजार का खुलना शामिल है. आगे की स्थिति भी अभी पूरी तरह से साफ नहीं है. इसके कारण निर्यातक दूसरे कारोबार में उतरने लगे हैं. जिससे निर्यात के उतार-चढ़ाव का कारोबार पर ज्यादा असर न पड़े. Tags: Local18, Moradabad News, UP newsFIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 11:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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