धान गेहूं नहीं बाराबंकी का ये किसान बांस की खेती से कमा रहा लाखों
धान गेहूं नहीं बाराबंकी का ये किसान बांस की खेती से कमा रहा लाखों
Bamboo Farming: बांस की खेती के बारे जब किसान संग्राम सिंह को पता चला. फिर उन्होंने मध्य प्रदेश से बाल कुआं वैरायटी का बांस का पौधा मंगवाया, जो उन्हें ₹56 रुपया पर पौधा मिला. इन्होंने एक एकड़ की जमीन पर करीब 600 पौधे लगाए, जिसमें उनकी लागत करीब एक एकड़ में 40 हजार रुपये आई. वहीं, मुनाफा करीब चार लाख रुपए तक हुआ.
बाराबंकी /संजय यादव: हमारे यहां के ज्यादातर किसान अब पारंपरिक खेती से हटकर नई- नई फसलों की खेती कर रहे हैं. इसमें उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है. पहले जहां किसान ज्यादातर सिर्फ धान, गेहूं, और सरसों की खेती किया करते थे. तो अब वहीं किसान घरों में इस्तेमाल होने वाली अलग-अलग चीजों की खेती कर रहे हैं. इन्हीं में एक बांस की खेती है, जिसको लेकर किसानों का काफी रुझान बढ़ा है. बांस की खेती एक बार करने पर कई सालों तक मुनाफा कमाया जा सकता है.
बांस की मार्केट में काफी डिमांड रहती है. क्योंकि, ये कई चीजों में बांस का इस्तेमाल होता है. खास तौर पर फर्नीचर जैसी चीजों में इसकी डिमांड काफी होती है. तो वहीं इससे साज सज्जा के सामान भी खूब बनाए जाते है. इसके गिलास और लकड़ी के अन्य बर्तन भी बनाए जाते हैं. तो वहीं कुछ किसान इसकी खेती कर शानदार मुनाफा भी कमा रहे हैं. तो वही बाराबंकी जिले के सैदाहा गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान संग्राम सिंह बांस की खेती कर अच्छा कमाई कर रहे है, जिससे उन्हें इस खेती से 4 लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है.
बांस की खेती में मुनाफा
बांस की खेती कर रहे किसान संग्राम सिंह ने बताया कि पहले वह धान गेहूं, मेंथा, सरसों आदि की खेती करते थे. फिर उन्होंने तुलसा की खेती शुरू की. इसमें उन्हें लेबर नहीं मिले. फिर उन्होंने सोचा क्यों न ऐसी खेती की जाए, जिसमें मजदूर और लागत भी कम लगे. फिर बांस की खेती के बारे में पता चला. फिर उन्होंने मध्य प्रदेश से बाल कुआं वैरायटी का बांस का पौधा मंगवाया, जो उन्हें ₹56 रुपया पर पौधा मिला. इन्होंने एक एकड़ की जमीन पर करीब 600 पौधे लगाए, जिसमें उनकी लागत करीब एक एकड़ में 40 हजार रुपये आई. वहीं, मुनाफा करीब चार लाख रुपए तक हुआ. इसको एक बार लगाने के बाद इसमें किसी तरह का कुछ भी नहीं डालना पड़ता है.
बांस की खेती करने का तरीका
बांस की खेती करना काफी आसान है. सबसे पहले इसके पौधे को नर्सरी से लाएं. इसके बाद इसकी रोपाई कर दें. इसमें यह ध्यान दें कि रोपाई के लिए गड्ढा 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा हो. वहीं, इसके लिए जमीन तैयार करने की जरूरत नहीं होती है. बस ध्यान रहे कि मिट्टी बहुत अधिक रेतीली न हो. रोपाई के बाद अब इसमें गोबर से तैयार खाद का इस्तेमाल करें. वहीं पौधे लगाने के बाद इसकी सिंचाई करनी पड़ती है. इसके पौधे लगाने के तीन महीने बाद पौधे की ग्रोथ होने लगती है. वही, 4 साल में यह पूरी तरह तैयार हो जाता है.
Tags: Agriculture, Barabanki latest news, Farmer story, Kisan, Local18FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 10:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed