इस खेती से बदल गई किसान की तकदीर! सिर्फ 2 महीने में हो रही 8 लाख की कमाई
इस खेती से बदल गई किसान की तकदीर! सिर्फ 2 महीने में हो रही 8 लाख की कमाई
इस खेती में लागत एक एकड़ में करीब 50 हजार रुपये आती है. क्योंकि इसमें बीज, पन्नी, कीटनाशक दवाइयां, खाद, पानी, लेबर आदि का खर्च लगता है और वहीं मुनाफा करीब एक फसल पर 8 लाख रुपए तक हो जाता है.
संजय यादव/बाराबंकी: बदलते वक्त में किसान भी खेती किसानी करने के तौर तरीके में बदलाव ला रहे हैं. वह परंपरागत खेती के अलावा दूसरी खेती की तरफ ध्यान दे रहे हैं, ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके. क्योंकि कई बार सिर्फ फसलों पर निर्भरता के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. किसान अब अपने परंपरागत खेती के साथ-साथ खरबूजा व तरबूज की खेती भी कर रहे हैं. गर्मियों के मौसम में खरबूजे की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. क्योंकि इसकी बाजार में डिमांड भी बहुत ज्यादा रहती है. जिसके चलते इस खेती से किसान लाखों रुपए मुनाफा कमा सकते हैं.
जिले के एक ऐसा युवा किसान है, जो खरबूजे की खेती कर समृद्ध हो रहा है. इस खेती में उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा होता है. जिसके लिए वह कई सालों से खरबूजे की खेती करके लाखों रुपए की कमाई कर रहा है. जनपद बाराबंकी के सरसौंदी गांव के रहने वाले युवा किसान श्रीकांत वर्मा ने ताइवानी खरबूजे की खेती एक एकड़ से शुरू की, जिसमें उन्हें अच्छा लाभ देखने को मिला. आज वह करीब 6 एकड़ में खरबूजे की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें 8 लाख रुपये मुनाफा प्रतिवर्ष हो रहा है.
8 लाख रुपए तक हो रहा मुनाफा
ताइवानी खरबूजे की खेती करने वाले किसान श्रीकांत वर्मा ने बताया पहले हम देशी खरबूजे की खेती करते थे. उसकी पैदावार भी कम होती थी और रेट भी नही मिल पाता था. जिसमें हमें कोई फायदा नहीं हो पाता था. फिर हमने यूट्यूब पर देखकर ताइवानी खरबूजे की खेती की, जिसमें हमें अच्छा लाभ हुआ. इस समय करीब 6 एकड़ में ताइवानी खरबूजे की खेती कर रहा हूं, क्योंकि इस खरबूजे की पैदावार अच्छी होने के साथ यह काफी मीठा भी होता है. जिससे लोग इसको काफी पसंद करते हैं. इसलिए यह अच्छे रेट में भी जाता है. इस खेती में लागत एक एकड़ में करीब 50 हजार रुपये आती है. क्योंकि इसमें बीज, पन्नी, कीटनाशक दवाइयां, खाद, पानी, लेबर आदि का खर्च लगता है और वहीं मुनाफा करीब एक फसल पर 8 लाख रुपए तक हो जाता है.
बहुत ही आसान है इसकी खेती
किसान श्रीकांत वर्मा ने बताया कि इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की दो तीन बार जुताई की जाती है. उसके बाद खेत में बेड बनाते हैं. जिसपर हम मल्चिंग बिछाते हैं फिर इसमें बीज बोते हैं. जब पौधा निकल आता है, तब इसकी सिंचाई की जाती है. वहीं महज इसकी बुवाई करने के बाद 35 से 40 दिनों में फसल निकलनी शुरू हो जाती है, जिसे तोड़कर बाजार में बेचा जा सकता है. इसकी खेती मात्र दो महीने की होती है.
Tags: Farming, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 5, 2024, 08:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed