7 प्रकार की फसलों के लिए अमृत है घर पर बना ये कीटनाशक! गोबर से ऐसे करें तैयार

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के वैज्ञानिक डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बीजामृत एक जैविक उत्पाद है. जिसका इस्तेमाल करने से किसान रासायनिक कीटनाशकों से होने वाले दुष्प्रभाव से बच सकेंगे. साथ-साथ बीजों के अंकुरण की क्षमता बढ़ती है. बीजों में एक समान अंकुरण होता है.

7 प्रकार की फसलों के लिए अमृत है घर पर बना ये कीटनाशक! गोबर से ऐसे करें तैयार
शाहजहांपुर: धान की नर्सरी की बुवाई के दौरान किसान अगर किसान बीज का शोधन कर खेत में बुवाई करें तो नर्सरी स्वस्थ रहेगी. और धान की फसल में कीट नहीं लगेंगे, अच्छा उत्पादन मिलेगा. आमतौर पर किसान रासायनिक दवाओं से ही बीज का शोध करते हैं. ऐसे में अब वैज्ञानिकों कहना है कि किसान जैविक तरीके से बीज का शोधन करने के लिए बीजामृत नाम का उत्पाद खुद तैयार कर सकते हैं. इससे किसानों को बेहतर जमाव मिलेगा और उत्पादन भी अच्छा होगा. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के वैज्ञानिक डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बीजामृत एक जैविक उत्पाद है. जिसका इस्तेमाल करने से किसान रासायनिक कीटनाशकों से होने वाले दुष्प्रभाव से बच सकेंगे. साथ-साथ बीजों के अंकुरण की क्षमता बढ़ती है. बीजों में एक समान अंकुरण होता है. यह शुरुआती दिनों में मौसमी कीटों और रोगों से भी फसल को बचाता है. इसके साथ ही पौधे स्वस्थ रहते हैं. बीजामृत के इस्तेमाल से मिट्टी जनित रोगों से भी पौधों का बचाव होता है. जड़ें तेजी के साथ विकास करती हैं. यह फंगस और वायरस से भी पौधे को बचाता है. जिससे उत्पादन ज्यादा होता है. बीजामृत तैयार करने की विधि डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि 100 किलोग्राम बीज का शोधन करने के लिए अगर आप बीजामृत तैयार कर रहे हैं. तो आपको 20 लीटर पानी, 5 लीटर गाय का मूत्र, 5 किलो देसी गाय का गोबर, 50 ग्राम चूना और एक मुट्ठी मिट्टी को एक ड्रम में डालकर लकड़ी की छड़ी से अच्छी तरह से मिला दें. इस घोल को 24 घंटे के लिए रखा रहने दें. ध्यान रखें अगर गोमूत्र ज्यादा पुराना होगा तो उतना ही ज्यादा लाभकारी होगा. कैसे करें बीज शोधन? डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बीज को अच्छी तरह से जमीन पर फैला लें. उसके बाद स्प्रे पंप के द्वारा पूरे बीज पर बीजामृत को छिड़क दें. उसके बाद बीज को हाथ से अच्छी तरीके से मिला दें. ऐसा करने के बाद 6 से 12 घंटे के लिए उपचारित बीज को छाया में सुखा लें. उसके बाद धान के बीज को क्यारियां बना कर पानी भरते हुए बिजाई सकते हैं. इन फसलों पर करें इस्तेमाल डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बीजामृत का इस्तेमाल धान के अलावा गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजारा और दलहनी फसलों में कर सकते हैं. जिसके किसानों को बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 17:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed