मुरादाबाद में क्यों बंद कराई जा रही है पीतल की भटि्टयां जानें वजह

पीतल दस्तकारों का कहना है कि शहर की लगभग 60 प्रतिशत आबादी पीतल व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. इसमें 40 प्रतिशत मजदूर तबका है. जिसकी रोजी-रोटी इसी से जुड़ा है. भट्टियों के बंद होने से महज पीतल दस्तकारों पर ही इसका असर नहीं पड़ेगा बल्कि निर्यात को भी काफी हद तक नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि पीतल व्यवसाय के लिए भट्टियां पहला पायदान है.

मुरादाबाद में क्यों बंद कराई जा रही है पीतल की भटि्टयां जानें वजह
पीयूष शर्मा/मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से संचालित भट्ठियों को बंद कराने और प्रशासन की कार्रवाई से गुस्साए पीतल व्यवसाय से जुड़े सैंकड़ों लोगों ने दिल्ली रोड स्थित सर्किट हाउस में मुरादाबाद के सांसद रुचि वीरा से मुलाकात कर भट्टियों को दोबारा से संचालित करने की मांग की है. सांसद से इस गंभीर मसले पर मुरादाबाद के प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर मसले का हल निकालने की पहल करने का आग्रह किया. निर्यात पर भी पड़ेगा असर पीतल दस्तकारों का कहना है कि शहर की लगभग 60 प्रतिशत आबादी पीतल व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. इसमें 40 प्रतिशत मजदूर तबका है. जिसकी रोजी-रोटी इसी से जुड़ा है. भट्टियों के बंद होने से महज पीतल दस्तकारों पर ही इसका असर नहीं पड़ेगा बल्कि निर्यात को भी काफी हद तक नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि पीतल व्यवसाय के लिए भट्टियां पहला पायदान है. जब पीतल की भट्टियों में रॉ मिटेरियल की गलाई होती है, तभी सिल्ली बनती है और उसके बाद ढलाई और अन्य फिनिशिंग की जाती है. इसके बाद पीतल और अन्य धातु से आइटम तैयार होते हैं. रोजी-रोटी का आया संकट दस्तकारों का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से शहर की भट्टियां बंद होने से दस्तकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. पीतल दस्तकारों ने इलाकाई पुलिस पर उत्पीड़न के भी आरोप लगाया हैंं. इधर, सपा सांसद रुचिविरा ने पीतल दस्तकारों से मुलाकात के बाद प्रशासन से बातचीत कर मसले का हल निकालने की बात कही है. Tags: Local18, Moradabad Police, UP newsFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 15:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed