यहां आदियोगी के रूप में पूजे जाते हैं महादेव दर्शन के लिए लगी रहती है भीड़

Adiyogi in Meerut: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में कई ऐतिहासिक शिवालय हैं. ऐसे में यहां के भोले मंदिर में विराजमान आदियोगी के दर्शन-पूजन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां आए श्रद्धालुओं ने बताया कि आदियोगी के दर्शन से एक अद्भुत सी शांति मिलती है.

यहां आदियोगी के रूप में पूजे जाते हैं महादेव दर्शन के लिए लगी रहती है भीड़
 विशाल भटनागर/मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में आपको कई ऐतिहासिक शिवालय देखने को मिलेंगे. जिसमें भोले भक्त विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हुए दिखाई देते हैं, लेकिन मेरठ के नेहरू रोड स्थित भोले मंदिर में विराजमान आदियोगी के दर्शन करने के प्रति भक्तों में काफी जिज्ञासा देखने को मिलती है. सावन माह में दूर-दराज से श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. जटाओं से बहता है जल मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि भक्तों की आस्था को देखते हुए आदियोगी भगवान की तमिलनाडु में जब मूर्ति की स्थापना हुई थी, उसके बाद यहां पर यह लगवाई गई थी. उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर यह मूर्ति लगी हुई है. उसी के नीचे एक कुएं की तरह केंद्र बनाया गया है, जिसमें मूर्ति के पीछे पहाड़ों पर झरने का पानी होता है. वह जल उसी के अंदर समाहित होता रहता है. वही पानी आपको झरने में बहता हुआ दिखाई देगा. इतना ही नहीं भोले बाबा की जटाओं में भी जलधारा बहते हुए दिखाई देती है. यहां रंग बिरंगी लाइटों के बीच आदियोगी के दर्शन करना भक्तों को काफी पसंद आता है. आदियोगी के दर्शन से मिलती है मन को शांति यूं तो मंदिर में भगवान भोलेनाथ शिवलिंग और मूर्ति के रूप में काफी समय से विराजमान हैं, लेकिन यहां पर प्रतिदिन दर्शन करने वाले भक्तों की आस्था को देखते हुए आदि योगी की मूर्ति भी विराजमान की गई है. पूजा-अर्चना करने वाली कंचन कहती हैं कि तमिलनाडु में जाकर आदियोगी के दर्शन करने की काफी इच्छा थी, लेकिन वहां जा पाना अभी संभव नहीं है. ऐसे में मंदिर में आदियोगी भगवान के दर्शन कर काफी अच्छा लगता है. बता दें कि मंदिर के प्रति भक्तों की काफी आस्था देखने को मिलती है. यहां मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान सुरक्षा को लेकर भी व्यवस्था की गई है. Tags: Local18, Meerut news, Sawan Month, Sawan somvarFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 10:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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