एक ही छत के नीचे मिल रही मेडिकल की सुविधाएं मरीजों की लगी रहती है भीड़

Health Care in Meerut: मेरठ में शासन के आदेशानुसार लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बनाया गया है. जहां एक ही छत के नीचे कार्डियो, न्यूरोसर्जन, न्यूरोलॉजी सहित अन्य विभाग संचालित किए जा रहे हैं. साथ ही मरीजों को की जांच कर दवा वितरित की जा रही है.

एक ही छत के नीचे मिल रही मेडिकल की सुविधाएं मरीजों की लगी रहती है भीड़
विशाल भटनागर/मेरठ: देश में स्वास्थ्य सेवाओं में अब टेक्नोलॉजी बड़ा माध्यम बनकर उभर रही है. जिसके माध्यम से मरीजों की बीमारियों का सटीक पता लगाकर बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाता है. ऐसे में मरीजों के मन में यही जिज्ञासा होती है कि वह कौन से अस्पताल में अपना इलाज कराएं. जहां कम खर्चे में उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल पाए, तो ऐसे सभी लोगों के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में संचालित लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज बेहद अच्छा स्थान साबित हो सकता है. जहां शासन की मनसा की अनुरूप सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बनाया गया है. यहां एक ही बिल्डिंग में नस और दिल से संबंधित ट्रीटमेंट करा सकते हैं. मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य ने बताया लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरसी गुप्ता ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश शासन के दिशा निर्देश अनुसार मरीज को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ही मेडिकल में प्रतिदिन एक्सपर्ट की टीम लगातार कार्य करती रहती है. जहां परिसर में ही संचालित सरदार वल्लभभाई पटेल चिकित्सालय में प्रतिदिन सामान्य तौर पर हजारों की संख्या में मरीजों को मेडिसिन, नेत्र रोग, गायनिक, बालरोग, नाक कान गला, आर्थोपेडिक सहित अन्य प्रकार के विभागों में उपचार उपलब्ध कराया जाता है. वहीं, नसों से संबंधित गंभीर बीमारियों के ट्रीटमेंट के लिए सुपर स्पेशलटी ब्लॉक भी है, जिसमें आधुनिक मशीनों के बीच न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और न्यूरो सर्जन पीडियाट्रिक सर्जन के एक्सपर्ट की टीम मौजूद है. एक रुपए के पर्चे से शुरू होता है उपचार डॉ. आरसी गुप्ता के अनुसार मात्र 1 रुपए के पर्चे के माध्यम से ही मरीज सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के विभिन्न विभागों से संबंधित विशेषज्ञ को दिखा सकते हैं. जिसके बाद उनकी बीमारी के अनुसार ही विभिन्न प्रकार की जांच की जाती है. उन्होंने बताया कि जांच और आगे की प्रक्रिया के ट्रीटमेंट के लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा लखनऊ के केजीएमयू के तौर पर शुल्क निर्धारित किया गया है. जिसके माध्यम से मरीजों को बेहतर ट्रीटमेंट मिल पाता है. हालांकि वह कहते हैं कि प्राइवेट अस्पतालों के मुकाबले यह ना के बराबर है. 3000 मरीज पहुंचते है प्रतिदिनबता दें कि कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के मरीज भी यहां अब कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी नेफ्रोलॉजी सहित अन्य विभागों में दिखाने के लिए प्रतिदिन पहुंचते हैं. अगर ओपीडी की संख्या की बात की जाए तो लगभग 3000 से अधिक मरीज प्रतिदिन अपना ट्रीटमेंट करने के लिए यहां आते हैं. FIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 11:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed