85 दुश्मन ढेर कर मोर्चे पर डटे मेजर होशियार सिंह अकेले PAK सेना पर पड़े भारी

साल 1971 की जंग में मेजर होशियार सिंह ने ऐसी वीरता दिखाई कि दुश्मन भी दंग रह गया. गोलियों की बारिश, टैंकों की गरज और चारों ओर मौत का खतरा लेकिन उन्होंने मोर्चा छोड़ा नहीं. अपनी कंपनी का नेतृत्व करते हुए उन्होंने 85 दुश्मन सैनिकों को ढेर किया और आख़िरी सांस तक लड़ाई में डटे रहे. उनकी यह बहादुरी भारतीय सेना की सबसे प्रेरक गाथाओं में शामिल है.

85 दुश्मन ढेर कर मोर्चे पर डटे मेजर होशियार सिंह अकेले PAK सेना पर पड़े भारी