2027 का लिटमस टेस्ट या कुछ और 10 के लिए इतना दम क्यों लगा रहे सियासी दल

UP Byelection: वैसे तो उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं , उससे प्रदेश की योगी सरकार के सेहत पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. लेकिन सभी सियासी दल जीत के लिए एड़ी-छोटी का जोर लगा रहे हैं. माना जा रहा है कि 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले यह दमखम दिखाने का मौका है.

2027 का लिटमस टेस्ट या कुछ और 10 के लिए इतना दम क्यों लगा रहे सियासी दल
हाइलाइट्स जिन दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उन पर सभी प्रमुख दलों की नज़र है दस सीटों का दम 2027 के लिए दमखम दिखाने का ट्रेलर माना जा रहा है लखनऊ. उत्तर प्रदेश की जिन दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उन पर सभी प्रमुख दलों की नज़र है. विपक्षी गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच खींचतान है तो एनडीए के सहयोगी भी उपचुनाव में विधानसभा सीटों का सपना देख रहे हैं. दस सीटों का दम 2027 के लिए दमखम दिखाने का ट्रेलर माना जा रहा है. यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ज्यादातर सीटें ऐसी हैं जिनपर विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गये हैं. स्थानीय और जातीय समीकरण को देखते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अपना-अपना नफा नुकसान देखकर तोलमोल की कोशिश में हैं. समाजवादी पार्टी ने कटेहरी विधानसभा के लिए शिवपाल याव को प्रभारी बनाया है जबकि अवधेश प्रसाद को मिल्कीपुर, मझवा सीट पर वीरेन्द्र सिंह को जिम्मेदारी दी गई है जबकि करहल सीट के लिए चंद्रदेव यादव को जिम्मा दिया गया है. इंद्रजीत सरोज को फूलपुर सीट और विधायक राजेन्द्र कुमार को कानपुर की सीसामऊ सीट के लिए प्रभारी बनाया है. सपा इन सभी सीटों पर उपचुनाव में जीत का सपना देख रही है और तमाम समीकरणों के मुताबिक रणनीति बना रही है. कांग्रेस और NDA के सहयोगी भी ठोक रहे दावा वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से भी बड़ा दावा कर दिया गया है. प्रयागराज में बैठक के दौरान कांग्रेस ने तो ये तक कह दिया कि सपा अपने पांच सीटों पर चुनाव लड़े जहां उसके विधायक जीतकर आए थे. अन्य सीटों की डिमांड कांग्रेस ने कर दी है. जाहिर है कांग्रेस और सपा के बीच रस्साकसी शुरू हो गई है. एनडीए की सहयोगी पार्टियां भी बीजेपी के कंधे पर सवार होकर उपचुनाव में अपनी मजबूत स्थिति बताना चाह रही हैं. लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने इशारों-इशारों में कटेहरी और मझवा सीटों पर अपने प्रत्याशी लड़ाने की बात कही है. इससे पहले सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी जब दोबारा पार्टी के अध्यक्ष चुने गये तब उपचुनाव के लिए ख्याली पुलाव पका रहे थे. आरएलडी को भी उम्मीद है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की दो सीटें उसके खाते में आ सकती हैं. बीजेपी सभी 10 सीटों को जीतने का कर रही दावा मिल्कीपुर, कटेहरी, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवा, खैर और मीरापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. बीजेपी ने पहले ही सभी दस सीटों पर 30 मंत्रियों को प्रभारी बनाकर भारी भरकम टीम को चुनावी अभियान में लगा दिया है. दावा है कि सभी दस सीटों पर जीत का परचम बीजेपी लहराएगी. उपचुनाव में आरएलडी को लेकर बीजेपी का सॉफ्ट कॉर्नर है. मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट आरएलडी को दी जा सकती है. मीरापुर से आरएलडी विधायक चंदन चौहान अब बिजनौर से सांसद बन गये हैं. BSP भी लगा रही जोर लोकसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर अपने पुत्र अरविंद राजभर को चुनाव नहीं जितवा सके जबकि संजय निषाद भी अपने बेटे के लिए जीत का फॉर्मूला नहीं बना पाए. ऐसे में सुभासपा और निषाद पार्टी के लिए उपचुनाव में सीटें मिलना आसान नहीं है. वहीं दूसरी ओर एनडीए और इंडिया अलायंस से इतर बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भी उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. कई सीटों पर प्रभारी भी बना दिए हैं. बहरहाल उपचुनाव से पहले यूपी में सीटों के लिए जोर आजमाइश शुरू हो गयी है. देखना ये है कि तारीखों का ऐलान होने के बाद किस गठबंधन का कौन सा प्रत्याशी मैदान में आता है. Tags: Lucknow news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 12:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed