बैगन की इन किस्मों की करें खेती 55 दिनों में होने लगेगा फलन किसान भी होंगे मालामाल
बैगन की इन किस्मों की करें खेती 55 दिनों में होने लगेगा फलन किसान भी होंगे मालामाल
बैंगन को सब्जियों का राजा कहा जाता है क्योंकि यह कई प्रकार से उपयोगी होता है और खाने में स्वादिष्ट होता है. इसकी सब्जी खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही हमारे आय को बढ़ाने में भी कारगर होती है. इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जुलाई के महीने में यदि किसान बैंगन की अगेती फसल की खेती करें तो वे अच्छा मुनाफा कमाना सकते हैं.
वाराणसी: सिंगापुर, दुबई जैसे अंडर वाटर फिश टनल का का खूबसूरत नजारा आप यूपी के वाराणसी में ले सकेंगे. इस फिश टनल में 50 से अधिक प्रजातियों की खूबसूरत मछलियों को आप एक छत के नीचे देख पाएंगे. पहली बार पर्यटकों के लिए वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ग्राउंड में इस खूबसूरत अंडर वाटर टनल को बनाया गया है. आज से 2 महीने तक लोग इस फिश टनल का लुफ्त उठा सकेंगे.
इस फिश टनल में कैट फिश, मोर बॉस फिश, एल्बिनो फिश, पैरट फिश,लॉयन हेड फिश, एंजल फिश समेत ढ़ेरो तरह की मछलियों को आप एक छत के नीचे देख पाएंगे. महाकाल इंटरप्राइजेज से जुड़े रविन्द्र त्रिवेदी ने बताया कि इस फिश टनल में दुनियाभर के कई प्रजातियों के फिश को संरक्षित किया गया है. यह फिश टनल 600 फीट का है. दावा किया जा रहा है कि यह भारत का सबसे बड़ा फिश टनल है.
सिर्फ नॉमिनल रखी गई है फीस
रविन्द्र त्रिवेदी ने बताया कि इसके लिए 100 रुपये की नॉमिनल एंट्री फीस रखी गई है. 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फ्री में एंट्री की व्यवस्था है. यह पूरा फिश टनल पूरी तरह से एसी है. फिश टनल में घूमने आई शुभी ने बताया कि वो पहली बार फिश टनल को देख रही हैं और उन्हें काफी अच्छा फील हो रहा है.
बेहद खूबसूरत है नजारा
वहीं सुनील कुमार ने बताया कि इसके पहले कभी भी उन्होंने फिश टनल का ऐसा खूबसूरत नजारा नहीं देखा था. सिर्फ टीवी और यूट्यूब के जरिए ही उन्होंने इसकी खूबसूरती देखी थी लेकिन आज रियल में वो इसे देख पा रहे हैं. बता दें कि शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक लोग इस फिश टनल में घूम सकते हैं.
Tags: Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 14:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed