पेंशन की उम्र में टेंशनमत लीजिए बाबाजी बर्बाद हो सकती बची-खुची जिंदगी
पेंशन की उम्र में टेंशनमत लीजिए बाबाजी बर्बाद हो सकती बची-खुची जिंदगी
Depression in Older People: रिटायरमेंट के बाद तमाम टेंशन से मुक्त हो जाना ही बेहतर है. नहीं तो तनाव का बोझ सिर पर सवार कर रहा है. ये सेहत को बर्बादी की कगार की ओर ले जाती है. आइए जानते हैं तनाव के नुकसान और बचाव के उपाय-
Depression in Older People: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के सिर पर तनाव तांडव कर रहा है. कामकाज, रिलेशनशिप, पारिवारिक जिम्मेदारियां समेत तमाम ऐसी वजहें हैं जो तनाव का कारण बन रही हैं. वैसे तो यह परेशानी हर उम्र के महिला-पुरुष में देखी जाती है. लेकिन, 60 साल से अधिक उम्र वालों इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं. इसलिए रिटायरमेंट के बाद तमाम टेंशन से मुक्त हो जाना ही बेहतर है.
चिंता की बात ये है कि यदि इस टेंशन का समय पर निदान न हुआ तो जिंदगी बर्बाद भी हो सकती है. क्योंकि, नींद न आना, चिड़चिड़ापन, भूख न लगने जैसी दिक्कतें तनाव के सहारे ही उपजती हैं. इसलिए जरूरी है कि परेशानी बढ़ने से पहले तनाव से बाहर निकलें. फिर चाहें किसी एक्सपर्ट की हेल्प लेनी पड़े या फिर दवाएं. आइए जानते हैं तनाव बुजुर्गों के लिए कैसे घातक? स्ट्रस से निपटने के लिए क्या करें? आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिनकी मदद से बुजुर्गों का तनाव कम किया जा सकता है.
वेबएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्रेशन हर उम्र के लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं. इसी तरह बुजुर्गों में भी डिप्रेशन के लक्षण अलग हो सकते हैं. अधिक उम्र के लोगों में जो सबसे ज्यादा लक्षण दिखते हैं उनमें दिनभर थकान होना, नींद न आना, चिड़चिड़ापन, भूख और वजन का कम होना आदि शामिल हैं. यही नहीं, कभी-कभी तनाव बढ़ने से जान देने या खुद को नुकसान पहुंचाने तक के विचार आने लगते हैं.
इन शुरुआती लक्षणों पर दें ध्यान
यदि अधिक उम्र के व्यक्ति को किसी काम या बात में ध्यान लगाने में मुश्किल होने लगे या पहले की तरह पसंद की गतिविधि में उत्साह या रुचि खत्म हो जाए तो ये शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. हालांकि, कई लोगों में दुखी होना, निराशा, काम करने की गति में धीमापन और असमंजस में रहने जैसे भी लक्षण दिख सकते हैं.
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इन उपायों से दूर करें डिप्रेशन
रिपोर्ट के मुताबिक, तनाव दूर करने के लिए एक उम्र के बाद अधिक से अधिक समय प्रकृति के साथ बिताना चाहिए. इसके लिए नियमित सैर करें, व्यायाम करें, घूमने-फिरने के लिए वक्त निकालें, बागवानी करें. इसके अलावा मनपसंद की एटिविटीज में हिस्सा लें और लोगों से मेलमिलाप बढ़ाएं. ध्यान रहे कि 50 वर्ष की उम्र के बाद नियमित परीक्षण अवश्य करवाएं.
Tags: Health News, Health tips, LifestyleFIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 11:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed