क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च कौन हैं इसके मालिक कंपनी का हिटलर से क्या कनेक्शन

Hindenburg New Report: हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस बार सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को लपेटा है. पिछले साल इस फर्म ने अडानी ग्रुप को लेकर रिपोर्ट जारी की थी और शेयर मार्केट में भूचाल ला दिया था.

क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च कौन हैं इसके मालिक कंपनी का हिटलर से क्या कनेक्शन
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच किी उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अडानी ग्रुप की वित्तीय अनियमिताओं से जुड़ी थीं. हिंडनबर्ग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि सेबी ने अडानी ग्रुप की संदिग्ध शेयर होल्डर कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं की. यह कंपनियां इंडिया इन्फोलाइन की ईएम रिसर्जेंट फंड और इंडिया फोकस फंड द्वारा संचालित की जाती हैं. हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में क्या है? हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) ने दावा किया है कि उसके पास ऐसे दस्तावेज हैं, जिससे पता चलता है कि सेबी में नियुक्ति से कुछ हफ्ते पहले माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) के पति धवल बुच ने मॉरीशस के फंड एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिडेंट ट्रस्ट को एक ई-मेल किया था. जिसमें उनके और उनकी पत्नी के ग्लोबल डायनेमिक ऑप्चर्यूनिटीज फंड में निवेश का जिक्र किया गया था. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि माधबी बुच के सेबी अध्यक्ष बनने से पहले उनके पति ने अनुरोध किया था कि अब सारे अकाउंट को वही ऑपरेट करेंगे. इसका मतलब यह है कि वह अपनी पत्नी के सेबी अध्यक्ष बनने से पहले उनके सारे खातों से सभी असेट्स हटा देना चाहते थे. सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच. हिंडनबर्ग (Hindenburg) के दावे पर सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया है. कहा है कि ‘इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. हमारी जिंदगी और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस खुली किताब की तरह हैं’. क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) अमेरिका की एक शॉर्ट सेलर रिसर्च कंपनी है. इस कंपनी का नाम ‘हिंडनबर्ग’ कैसे पड़ा, इसकी कहानी भी दिलचस्प है. थोड़ा पीछे चलते हैं. साल 1937 में जर्मनी में हिटलर का राज था. जर्मनी, टैंक से लेकर हवाई जहाज और फाइटर प्लेन बनाने में जुटा था. एक कॉमर्शियल पैसेंजर प्लेन बनाया और इसका नाम रखा ‘हिंडनबर्ग एयरशिप’ या LZ 129 Hindenburg. यह उस दौर का सबसे बड़ा कॉमर्शियल प्लेन था. 6 मई 1937 को यह जहाज जर्मनी से अमेरिका के लिए उड़ा. न्यूजर्सी के ऊपर पहुंचा तो अचानक तेज धमाका हुआ. नीचे खड़े लोगों ने देखा कि आसमान में आग का गोला जैसा कुछ उड़ गया है. लोगों की चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही हैं. हिटलर से कनेक्शन इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते और कुछ कर पाते, जहाज में भीषण लपटें उठने लगीं. 30 सेकंड से भी कम में जमीन पर आ गिरा. जहाज में सवार करीब 100 लोगों में से 35 लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट से पता चलता है कि इस जहाज में हाइड्रोजन गैस के 16 बड़ गुब्बारे थे और पहले भी इस तरह के गुब्बारे से हादसे हो चुके थे. ऐसे में हिंडनबर्ग एयरशिप के हादसे को टाला जा सकता था. अब लौटते हैं हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) पर. कंपनी का नाम इसी हादसे से जोड़कर रखा गया. Hindenburg की वेबसाइट पर नजर डालें तो पता लगता है कि यह कंपनी शेयर बाजार में हो रहे गोलमाल और गड़बड़ियों पर निगरानी रखती है. कंपनी का दावा है कि वह व्हिसल-ब्लोअर की तरह काम करती है. वित्तीय गड़बड़ियों और अनियमितताओं को सामने लाती है. कंपनी का मकसद शेयर बाजार में वित्तीय हादसे से लोगों को बचाना है. कौन है हिंडनबर्ग रिसर्च के मालिक हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की. उन्हें नेट एंडरसन के नाम से भी बुलाते हैं. अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से पढ़े नाथन ने अपने करियर की शुरुआत फैक्ट सेट रिसर्च सिस्टम नाम की एक डाटा फर्म से की और इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियों के साथ काम करते थे. वॉल स्ट्रीट को दिये एक इंटरव्यू में एंडरसन कहते हैं कि नौकरी के दौरान मुझे महसूस हुआ कि यह लोग (जिस कंपनी में काम करते थे) बहुत साधारण विश्लेषण कर रहे हैं. इसके बाद खुद की फर्म शुरु करने का मन बनाया. हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन. एंबुलेंस ड्राइवर भी रहे हैं एंडरसन नाथन एंडरसन इजराइल में एंबुलेंस ड्राइवर के तौर पर भी काम कर चुके हैं. उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चलता है कि उन्हें 400 घंटे मेडिक का एक्सपीरियंस भी है. एंडरसन, अमेरिकी अकाउंटेंट हैरी मार्कोपोलोस को अपना रोल मॉडल बताते हैं. दिलचस्प बात यह है कि एंडरसन के गुरु ने भी साल 2008 में अमेरिकी शेयर मार्केट में भूचाल ला दिया था. उन्होंने पोंजी स्कीम्स के बारे में खुलासा किया था. इस पर Netflix की चर्चित ”द मॉन्स्टर ऑफ वॉल स्ट्रीट” वेब सीरीज भी है. हिंडनबर्ग कैसे करती है रिसर्च हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research), किसी कंपनी की रिपोर्ट कई पैरामीटर पर बनाती है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट मुख्य तौर पर तीन चीजों पर आधारित होती है. पहला वह निवेश के डाटा का विश्लेषण करते हैं. दूसरा- इन्वेस्टिगेटिव रिसर्च करते हैं और तीसरा- सूत्रों से मिली गुप्त जानकारी को भी अपनी रिसर्च का आधार बनाते हैं. हिंडनबर्ग जब किसी कंपनी की जांच करती है तो वह कंपनी के अकाउंटिंग में अनियमितताएं, अहम पदों पर तैनात लोगों का बैकग्राउंड, अघोषित लेनदेन, किसी तरह की गैरकानूनी या अनैतिक व्यापार को भी खंगालती है. अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप की कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. दावा किया था कि साल 2020 से 2023 के बीच अडानी ग्रुप ने अपनी सात प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के स्टॉक मूल्यों में हेरफेर कर 100 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की. हिंडनबर्ग के इस दावे से भारतीय शेयर बाजार में भूचाल आ गया था. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर आसमान से जमीन पर आ गए थे. Hindenburg, अडानी से पहले भी कई कंपनियों के लेकर इसी तरह के दावे और रिपोर्ट जारी कर चुकी है. उसकी वेबसाइट पर अडानी ग्रुप समेत अलग-अलग कंपनियों की कुल 19 रिपोर्ट मौजूद हैं. अदानी ग्रुप से पहले साल 2020 में निकोला नाम की अमेरिकी इलेक्ट्रिक ऑटो कंपनी में गड़बड़ी का खुलासा किया था. इस खुलासे के बाद कंपनी के शेयर 24% गिर गए थे. कंपनी के प्रमुख को इस्तीफा देना पड़ा और 12 करोड़ डॉलर का जुर्माना भी लगा था. Tags: Adani Group, Hindenburg Report, Share marketFIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 11:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed