बाढ़ की तबाही! सड़क किनारे रहने को मजबूर हुए ग्रामीण गांव में घुसी बाढ़

Flood in Lakhimpur Kheri: श्रीनगर गांव के निवासियों का कहना है कि प्रशासन की ओर से दिन में केवल एक बार लंच पैकेट उपलब्ध कराया जाता है, जबकि शाम को भोजन नहीं मिलता. कुछ परिवारों को रात में भूखा सोना पड़ रहा है. कुछ समाजसेवी संगठन भोजन उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं है.

बाढ़ की तबाही! सड़क किनारे रहने को मजबूर हुए ग्रामीण गांव में घुसी बाढ़
अतीश त्रिवेदी / लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के पलिया तहसील क्षेत्र के श्रीनगर गांव के लोग सड़क किनारे टेंट और तंबू लगाकर अपना जीवन बसर कर रहे हैं. लगभग 50 से अधिक परिवार सड़क पर रहने को मजबूर हैं. पहाड़ों पर हो रही लगातार भारी बारिश और बनबसा बैराज से छोड़े गए करीब 4 लाख क्यूसेक पानी ने लखीमपुर खीरी जिले में तबाही मचा दी है. गांव में पानी भर जाने से लोगों को अपने गांव तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. शारदा नदी में आई बाढ़ ने घरों में रखा सारा सामान बर्बाद कर दिया है, और पानी पलिया नगर तक पहुंच गया है. पलिया-भीरा मार्ग पर पानी का बहाव होने के कारण आवागमन पूरी तरह बंद है. बाढ़ पीड़ित अजय सिंह ने बताया कि शारदा नदी का जलस्तर बढ़ते ही गांव में पानी घुस जाता है और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिलती है. श्रीनगर गांव के निवासियों का कहना है कि प्रशासन की ओर से दिन में केवल एक बार लंच पैकेट उपलब्ध कराया जाता है, जबकि शाम को भोजन नहीं मिलता. कुछ परिवारों को रात में भूखा सोना पड़ रहा है. कुछ समाजसेवी संगठन भोजन उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं है. लखीमपुर खीरी की पांच तहसीलें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आती हैं, और लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि आखिर कब उन्हें बाढ़ की समस्या से छुटकारा मिलेगा. फिलहाल, करीब 50 परिवार खुले आसमान के नीचे सड़क किनारे रहकर कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं, और बाढ़ का कहर लगातार जारी है. Tags: Lakhimpur Kheri News, Local18, UP floodsFIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 10:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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