परिजन लगाते रहे गुहार युवक ने तड़प-तड़पकर अस्पताल में तोड़ा दम वीडियो वायरल
परिजन लगाते रहे गुहार युवक ने तड़प-तड़पकर अस्पताल में तोड़ा दम वीडियो वायरल
घायल दिनेश को उसके परिजन और उसकी चाची संतोषी और उसकी पत्नी सहित आसपास के लोग अस्पताल लेकर पहुंचे. इसके बाद उनको काफी देर तक इलाज की सुविधा न मिली तो फिर दिनेश की चाची वहीं रो-रो कर डॉक्टर से देख लेने की गुहार लगाती रही.
अंजली शर्मा/ कन्नौज. कन्नौज जिले के छिबरामऊ क्षेत्र के सौ शैय्या अस्पताल में डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की संवेदनहीनता के चलते दिव्यांग युवक ने तड़प तड़प कर अस्पताल के गेट पर दम तोड़ दिया. युवक की मां रोती बिलखती रही उसकी पत्नी डॉक्टर से उसके पति को देख लेने के लिए मिन्नतें करती रही, लेकिन किसी ने उसको देखने तक की जहमत नहीं उठाई. पीड़ित परिजन ने आरोप लगाया कि अगर इलाज मिल जाता तो युवक की जान बच जाती.
हादसे में हुआ था घायल
छिबरामऊ क्षेत्र के रहने वाले दिनेश पैर से दिव्यांग था, दिनेश सड़क पार कर रहे थे तभी छिबरामऊ क्षेत्र के पश्चिमी बाईपास के पास एक ट्रक ने उनको टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसा होते ही स्थानीय व पुलिसकर्मी ने घायल दिनेश को ई रिक्शा में सौ शैय्या अस्पताल इलाज के लिए भिजवाया था.
रोते रहे परिजन इलाज की लगाते रहे गुहार
घायल दिनेश को उसके परिजन और उसकी चाची संतोषी और उसकी पत्नी सहित आसपास के लोग अस्पताल लेकर पहुंचे. इसके बाद उनको काफी देर तक इलाज की सुविधा न मिली तो फिर दिनेश की चाची वहीं रो-रो कर डॉक्टर से देख लेने की गुहार लगाती रही. जिसका वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दिनेश की चाची डॉक्टर से कह रही है कोई तो देख लो कोई तो मदद कर दो मेरे बेटे की जान बचा लो. पास में दिनेश की पत्नी रो रही है लेकिन उसको देखने वाला कोई नहीं. संवेदनहीनता की हद तो तब पर हो गई जब स्ट्रेचर बगल में खड़ा था और युवक जमीन पर पड़ा रहा. जमीन पर ही पड़े पड़े उसने दम तोड़ दिया. युवक की चाची उसके चेहरे पर पानी के छींटे मार रही थी, लेकिन तब तक शायद उसकी मौत हो चुकी थी.
क्या बोले डॉक्टर
वहीं मामले पर सौ शैय्या अस्पताल के सीएमएस डॉ एस के सिंह से बात की गई, तो फोन पर जानकारी देते हुए उन्होंने बहुत ही गैर जिम्मेदारान तरीके से कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. अभी मैं डीएम की मीटिंग में हूं. वहीं मामला बढ़ा तो इमरजेंसी के डॉक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि एक घायल युवक आया था, जिसकी कंडीशन बहुत खराब थी. मुझ तक सूचना बहुत देर से पहुंची तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. वहीं एक बार फिर से जब सीएमएस डॉ एस के सिंह से फोन पर बात की गई तो उनका फिर गैर जिम्मेदार तरीके का बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि हमने इमरजेंसी में तैनात कर्मियों से बात की है, उसकी मौत हो चुकी थी. वहीं उनके डॉक्टर बता रहे हैं कि वह बहुत क्रिटिकल कंडीशन में आया था. मुझ तक देर तक सूचना मिली. जिला अस्पताल के सीएमएस और वहां पर तैनात डॉक्टर के दोनों अलग-अलग बयान अपने आप में कई बड़े सवाल खड़े करते हैं. आखिर एक युवक की जान से बढ़कर क्या मीटिंग हो गई या फिर अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर या स्टाफ को यह नहीं दिखा कि एक क्रिटिकल कंडीशन में युवक आया हुआ है, तो सबसे पहले उसकी जान बचाने की कोशिश की जाए न की उसको जमीन पर छोड़ा दिया जाए.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 17:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed