झांसी के नाम जुड़ी बड़ी उपलब्धि वैज्ञानिकों ने बनाई गई पार्किंसन की दवा

Parkinson Medicine: झांसी स्थित केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने पार्किंसन की दवाई तैयार की है. आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने बताया कि आयुर्वेद में कई बीमारियों का इलाज छिपा है. उनके अनुसार भारतीय औषधीय शास्त्रों में कई प्रकार से पार्किंसन रोग के उपचार का जिक्र है. इन शास्त्रों के गहन अध्ययन के बाद कई औषधियों को मिलाकर यह दवा बनाई गई है.

झांसी के नाम जुड़ी बड़ी उपलब्धि वैज्ञानिकों ने बनाई गई पार्किंसन की दवा
शाश्वत सिंह/झांसी: देश के सभी इलाके अपने आप में खास हैं. वो अपनी खास उपलब्धि के लिए प्रसिद्ध हैं. इसमें अब एक और नाम झांसी का जुड़ गया है. झांसी का वैसे भी अपना ऐतिहासिक महत्व है लेकिन इसके नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है. पार्किंसन जैसी गंभीर बीमारी की दवाई झांसी में बनाई गई है. झांसी स्थित केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा यह दवाई तैयार की गई है. इस दवाई को टेस्टिंग के लिए बैंगलोर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेस में भेज दिया गया है. वहां इसका ट्रायल किया जाएगा. नतीजे सफल रहे तो इसे आगे की प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा. पार्किंसन की दवा को किया तैयार आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने बताया कि आयुर्वेद में कई बीमारियों का इलाज छिपा है. उनके अनुसार भारतीय औषधीय शास्त्रों में कई प्रकार से पार्किंसन रोग के उपचार का जिक्र है. इन शास्त्रों के गहन अध्ययन के बाद कई औषधियों को मिलाकर यह दवा बनाई गई है. संस्थान में इसका परीक्षण काफी संतोषजनक रहा है. अब इस दवा को बेंगलुरु भेज दिया गया है. वहां अगर ट्रायल सफल होता है तो इसके परिणाम इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित किए जाएंगे. बैंगलोर में होगा ट्रायल आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. सी. वेंकट नरसिम्हाजी ने बताया कि मुख्यालय के आदेश पर पार्किंसन की दवा का निर्माण यहां किया गया है. इसमें कल्याण घृत जैसी कई औषधियों को शामिल किया गया है. अनुसंधान संस्थान में दवा को तैयार करने का बेहद शानदार इंतजाम है. यह पूरी सुरक्षा के साथ दवा बनाई जाती है. सभी मानकों का ध्यान रखते हुए दवाई बनाई गई है. अब इसे निमहंस को भेज दिया गया है. इसकी टेस्टिंग से लेकर आगे की पूरी प्रक्रिया वहीं की जाएगी. क्या है पार्किंसन पार्किंसन रोग, दिमाग के खास हिस्सों का धीमा करने और उनमें खराबी लाने वाली बीमारी है. जब मांसपेशियाँ आराम की स्थिति में होती हैं, तब उनमें कंपन होता है. इस बीमारी में लोगों को शरीर का संतुलन बनाने और पोस्चर को मेंटेन रखने में मुश्किल होती है. इससे पीड़ित लोगों को सोचने में दिक्कत होती है. कई बार यह डिमेंशिया का रूप धारण कर लेता है. पार्किंसन रोग दिमाग के उस हिस्से कमजोर कर देता है जो एक्टिविटी को कंट्रोल करने में मदद करती है. कई बार इसके चलते लोगों में विकलांगता और शिथिलता आ जाती है. यह बीमारी अल्जाइमर के बाद, केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र यानी नर्व सिस्टम की दूसरी सबसे आम बीमारी है. यह रोग आमतौर पर 50 से 79 साल के व्यक्तियों में होता है. कुछ मामलों में यह बच्चों और किशोरों में भी देखा गया है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 17:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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