स्वाद में तीखी पर किसानों के जीवन में मिठास घोल रही हरी मिर्च जानें वजह
स्वाद में तीखी पर किसानों के जीवन में मिठास घोल रही हरी मिर्च जानें वजह
किसान संदीप मौर्या ने बताया हरी मिर्च की खेती करीब हम कई सालों से कर रहे हैं इससे पहले हम गेहूं धान आदि की खेती करते थे उसमें हमें कोई फायदा नजर नहीं आ रहा था जिसके बाद हमने एक बीघे से हरी मिर्च की खेती की शुरुआत की जिसमें हमें अच्छा मुनाफा हुआ
बाराबांकी. उत्तर प्रदेश के किसान अब हरी सब्जियों और मसाले की खेती पर ज्यादा जोर दे रहा हैं. इसकी मुख्य वजह है सब्जियों की खेती में काफी कम लागत लगती है और मुनाफा भी अच्छा होता है. इसके अलावा उनका माल आसानी से बाजारों और मंडियों में बिक जाता है.
प्रदेश के बाराबंकी जिले के किसान हरी मिर्च की खेती पर विशेष कर जोर दे रहे हैं. हरी मिर्च की खेती तीन महीने ही होती है. इससे किसानों को लाखों रुपए मुनाफा भी हो रहा है. वहीं किसानों को मिर्च की फसल तैयार होने पर बेचने के लिए कशमकश नहीं करनी पड़ती. आसपास के बाजारों और मंडियों के साथ-साथ खेतों से भी मिर्च की बिक्री आसानी से हो जाती है. इससे किसानों को घर बैठे अच्छा मुनाफा होता है.
पारंपरिक खेती से ज्यादा फायदा
बाराबंकी जिले के बदोसराय गांव के रहने वाले किसान संदीप मौर्या ने लोकल 18 को बताया वे कई सालों से हरी मिर्च की खेती कर रहे हैं. इससे पहले पारंपरिक खेती करते थे, जिसमें मेहनत भी ज्यादा थी और मुनाफा भी काफी कम होता था. ऐसा कई साल होने के बाद सब्जियों की खेती करने की सोची. कई लोगों से सलाह के बाद एक बीघे से हरी मिर्च की खेती की शुरुआत की. इससे अब अच्छा मुनाफा हो रहा है.
8 हजार में दो लाख का मुनाफा
किसान संदीप ने लोकल 18 बो बताया कि वे अब करीब 1 बीघा में हरी मिर्च की खेती कर रहे हैं. इतनी जमीन में खेती की लागत मात्र सात से आठ हजार रुपए तक ही आती है. इसके अलावा मात्र तीन माह में मिर्च तैयार हो जाती हैं. संदीप बताते हैं एक बीघे में मिर्च के काफी पेड़ उग आते हैं. इससे काफी पैदावार होती है. मंडी में ये पैदावार बेचने पर दो लाख रुपए तक मुनाफा हो जाता है.
इस तरह होती है हरी मिर्च की खेती
संदीप मौर्य ने लोकल 18 को बताया कि हरी मिर्च की खेती करने के लिए सबसे पहले मिर्च के बीज की नर्सरी तैयार करते हैं. जब पेड़ थोड़ा बड़ा हो जाता है, उसके बाद खेत में मेड बनाकर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर मिर्च के पौधे को लगाया जाता है. वहीं जब पेड़ थोड़ा बड़ा हो जाता है तब इसकी सिंचाई की जाती है. महज 3 महीने बाद इसमें फसल निकलना शुरू हो जाती है. यह फसल करीब 5 से 6 महीने तक चलती है. बस इसकी देखरेख करनी पड़ती है.
Tags: Barabanki latest news, Hindi news, UP news, VegetablesFIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 09:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed