1100 रुपए किलो बिकने वाला ये मुर्गा हृदय और मधुमेह के रोगियों के लिए वरदान

इस मुर्गे की त्वचा, पंख, मांस, खून सभी का रंग काला होता है. सफेद चिकन की तुलना में इसमें कॉलेस्ट्रोल की मात्रा काफी कम होती है, फैट की मात्रा कम होने के चलते इसे हृदय और मधुमेह के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है.

1100 रुपए किलो बिकने वाला ये मुर्गा हृदय और मधुमेह के रोगियों के लिए वरदान
रायबरेली : बदलते समय के साथ ही मुर्गी पालन का कारोबार लोगों में फेमस होता जा रहा है. लोग मुर्गी पालन करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जिससे वह अपनी आय बढ़ा रहे हैं. परंतु मुर्गियों में भी कई नस्ल की मुर्गियां पाई जाती हैं. जिनमें से कड़कनाथ का नाम सबसे पहले आता है .जो अपनी कई खूबियों के लिए जाना जाता है. इसी वजह से बाजारों में इसकी डिमांड बढ़ रही है. कड़कनाथ मुर्गी का पालन करके किसान अपनी आए दोगुनी कर सकते हैं. क्योंकि यह किसानों के लिए फायदे का सौदा है. तो आइए पशु विशेषज्ञ से जानते हैं कि कड़कनाथ मुर्गी पालन से जुड़ी जानकारी और उसके पहचान कैसे करें? रायबरेली के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी वेटनरी) बताते हैं कि कड़कनाथ मुर्गा मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में पाया जाने वाला एक खास नस्ल का मुर्गा है. जो अपने कई गुणों के लिए जाना जाता है .इसका मांस व अंडा दोनों औषधीय गुणों से भरपूर होता है.इसीलिए बाजारों में इसकी मांग अधिक रहती है .मुर्गे की अन्य प्रजाति और उनके अंडों की तुलना में कड़कनाथ मुर्गा काफी मंहगा होता है. इसका एक अंडा करीब 30 से 35 रुपए और मुर्गा 900 से 1100 रुपए प्रति किलो तक आसानी से बिक जाता है. जबकि इस प्रजाति की मुर्गी की कीमत कड़कनाथ मुर्गे से भी तीन गुना ज्यादा होती है. सामान्य मुर्गियों की तरह करें पालन डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि कड़कनाथ मुर्गी का पालन किसान सामान्य मुर्गियों की तरह ही पोल्ट्री फार्म बनाकर कर सकते हैं. और सामान्य मुर्गियों की तरह ही यह आहार का सेवन करते हैं .साथ ही आप बैकयार्ड तरीके से भी इस मुर्गी का पालन कर सकते हैं. इस विधि में आपको ज्यादा जगह या ज्यादा खर्च की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐसे करें कड़कनाथ मुर्गी की पहचान डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि अगर आप कड़कनाथ मुर्गी पालना चाहते हैं तो आपको उसकी पहचान होना भी बेहद जरूरी है. कड़कनाथ मुर्गे की त्वचा, पंख, मांस, खून सभी का रंग काला होता है. सफेद चिकन की तुलना में इसमें कॉलेस्ट्रोल की मात्रा काफी कम होती है, फैट की मात्रा कम होने के चलते इसे हृदय और मधुमेह के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. कड़कनाथ मुर्गा रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ कम वसा, प्रोटीन से भरपूर, हृदय-श्वास और एनीमिक रोगी के लिए लाभकारी है. Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 5, 2024, 20:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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