क्या राजस्थान में हैट्रिक करेगी भाजपा ये 5 सीटें बिगाड़ सकती हैं पार्टी की लय
क्या राजस्थान में हैट्रिक करेगी भाजपा ये 5 सीटें बिगाड़ सकती हैं पार्टी की लय
राजस्थान की सभी 25 सीटों पर शुक्रवार को मतदान संपन्न हो जाएगा. बीते दो लोकसभा चुनावों 2014 और 2019 में यहां की सभी 25 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी. लेकिन, ऐसी रिपोर्ट है कि भाजपा इस बार हैट्रिक नहीं कर पाएगी.
राजस्थान में शुक्रवार को लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाएगा. दूसरे चरण में यहां की 13 सीटों पर वोटिंग चल रही है. बीते दो लोकसभा चुनावों 2014 और 2019 में यहां की सभी 25 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी. इस बार पार्टी की तैयारी राज्य में हैट्रिक करने की है. लेकिन, कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि राज्य की कम से कम ऐसी पांच सीटें हैं जहां मुकाबला बेहद कांटे का है. इन पांच सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार कड़ी टक्कर दे रहे हैं. इन रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि इन सीटों पर स्थानीय मुद्दे बेहद प्रभावी हैं और इस कारण लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती मिलती दिख रही है.
चुरू
इस सूची में सबसे पहला नाम है चुरू संसदीय सीट का. यहां पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले गए थे. यहां पर 64 फीसदी मतदान हुआ था. यहां मुख्य लड़ाई कांग्रेस के उम्मीदवार राहुल कासवां और भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र झाझरिया के समर्थक राजेंद्र राठौर के बीच है. यहां की लड़ाई जाट और राजपूत की हो गई है. राहुल कासवां 2019 में भाजपा के टिकट पर यहां से सांसद चुने गए थे लेकिन 2024 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने बगावत कर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया. इस क्षेत्र में कासवां और राठौर की आपसी लड़ाई से भाजपा को काफी नुकसान पहुंच सकता है. क्षेत्र में पीएम मोदी की रैली के बावजूद यहां लड़ाई बनी हुई है.
नागौर
यह निर्वाचन क्षेत्र राजस्थान के जाट लैंड में आता है. यहां मुख्य लड़ाई मिर्धा परिवार के भीतर हुआ करती थी. लेकिन, अब स्थिति बदल गई है. मिर्धा के ही एक पूर्व सहयोगी हनुमान बेनीवाल कड़ी टक्कर दे रहे हैं. वह राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हैं और कांग्रेस के साथ उनका गठबंधन है. उनके सामने मैदान में भाजपा की ज्योति मिर्धा हैं. वह 2023 के विधानसभा चुनाव में पाला बदलकर कांग्रेस से भाजपा में चली गई थीं. यहां 2019 में समीकरण बदला हुआ था. उस वक्त बेनीवाला भाजपा के समर्थन से मैदान में थे और उन्होंने कांग्रेस की ज्योति मिर्धा को हरा दिया था.
झुंझनू
यह कांग्रेस के बड़े नेता शीशराम ओला का क्षेत्र रहा है. वह 1996 से 2009 के बीच यहां से पांच बार सांसद चुने गए थे. 2013 में उनके निधन के बाद यहां भाजपा ने पकड़ बना ली. इस बार कांग्रेस ने शीशराम के बेटे बृजेंद्र सिंह ओला को उम्मीदवार बनाया है. इस क्षेत्र में भी भाजपा परेशानी झेल रही है. उसने अपने मौजूदा सांसद नरेंद्र कुमार का टिकट काटकर शुभकरण चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. नरेंद्र कुमार ने राजपूत समुदाय के बारे में विवादित टिप्पणी की थी. इस कारण का उनका बड़ा विरोध हुआ था. दूसरी तरफ राज्य में राजपूत समुदाय को भाजपा का समर्थक माना जाता है.
सीकर
राजस्थान की चौथी सीट है सीकर. इस जाट बहुल सीट पर भाजपा और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के बीच कांटे की टक्कर है. यहां पर कांग्रेस के साथ गठबंधन में भाकपा ने आम्र राम को उम्मीदवार बनाया है. यहां पर भाजपा के दो बार के सांसद सुमेधानंद सरस्वती को लेकर एक तरह की एंटी इनकंबेंसी की बात कही जा रही है. यह सीट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटारसा का क्षेत्र है. वह राज्य के एक प्रमुख जाट नेता हैं. इलाके में डोटारसा और आम्र राम की लोकप्रियता ठीकठाक बताई जा रही है.
दौसा
इस सूची की पांचवी सीट है दौसा. परंपरागत रूप से यह सचिन पायलट परिवार की सीट है, लेकिन बीते एक दशक से यहां भाजपा का प्रभाव है. इस बार यहां की लड़ाई बेहद रोचक बताई जा रही है. यहां दो मीणा उम्मीदवारों के बीच लड़ाई है. कांग्रेस ने यहां से पांच बार के विधायक और पूर्व मंत्री कन्हैयालाल मीणा को उम्मीदवार बनाया है. यह सचिन पायलट का क्षेत्र है और वह कन्हैयालाल के साथ खड़े हैं. उनकी जीत में उनकी जीत देखी जा रही है. इससे पहले 2004 में यहां से सचिन पायलट सांसद चुने गए थे.
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Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 14:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed