Bhojpuri में पढ़ें मलिकाइन के पाती- भारत रतन पावे वाला दोसरा देस के दुसरका ‘गांधी’ रहले नेलसन मंडेला

दक्खिन अफिरका के रहनीहार नेलसन मंडेला के नांव पर दुनिया भर में 18 जुलाई के दिन तय भइल बा. नेलसन मंडेला गांधी बाबा के एतना भगत रहले कि उनका के दक्खिन अफिरका के गांधी कहल जाला. भारत के सबसे बड़ सम्मान- भारत रतन पावे वाला नेलसन मंडेला दुसरका विदेसी हउवन. उनका पहिले भारत रतन सम्मान पाकिस्तान के खान अब्दुल गफ्फार खान के दिआइल रहे. ऊ सीमांत गांधी के नांव से मशहूर रहले.

Bhojpuri में पढ़ें मलिकाइन के पाती- भारत रतन पावे वाला दोसरा देस के दुसरका ‘गांधी’ रहले नेलसन मंडेला
पांव लागी मलिकार ! गांधी बाबा भलहीं अपना मुलुक में पैदा भइले, बाकिर उनकर भगत दोसरो देस में कम नइखन. गांधी बाबा आदमी भर ना रहले, ऊ दुनिया भर में विचार बन गइल बाड़े. आजादी के बाद भारत-पाकिस्हतान के बंटवारा भइल त एकर सबसे बेसी मलाल खान अब्दुल गफ्फार खान के रहे, जेकरा पाकिस्तान में जाके बसे पर गइल. गांधी बाबा से ऊ एतना परभावित रहले कि उनका के लोग सीमांत गांधी कहेला. ओही तरे आजादी के लड़ाई में गांधी बाबा के जवन तरीका रहे, उहे तरीका अपना के नेलसन मंडेला दक्खिन अफिरका के गांधी कहाये लगले. ई बात अबहीं ले हम ना जानत रहनी हां. आज पांड़े बाबा बतावत रहुवीं, तब हम जान पउवीं. पांड़े बाबा कहत रहुवीं कि दक्खिन अफिरका के रहनीहार नेलसन मंडेला के नांव पर दुनिया भर में 18 जुलाई के दिन तय भइल बा. नेलसन मंडेला गांधी बाबा के एतना भगत रहले कि उनका के दक्खिन अफिरका के गांधी कहल जाला. भारत के सबसे बड़ सम्मान- भारत रतन पावे वाला नेलसन मंडेला दुसरका विदेसी हउवन. उनका पहिले भारत रतन सम्मान सीमांत गांधी के नांव से मशहूर खान अब्दुल गफ्फार खान के दिआइल रहे. नेल्सन मंडेला के बारे में पांड़े बाबा ढेरे कुल बतावत रहुवीं, हमरा माथा में जेतना ढुक पउवे, ऊ हम रउरा के बता दे तानी. ओइसे हमरा बुझाता कि रउरा त ई कुल जानते होखब. कई बेर अइसनो होला मलिकार कि अपना से बड़-बूढ़ जे होला, ओकरा कवनो बात के बेसी जानकारी होला. एही से हम पांड़े बाबा के बतावल बतिया रउरा के बता दे तानी. उहां के कहत रहुवीं कि नेलसन मंडेला सांवर लोग के जमात के आदमी रहले. दक्खिन अफिरका में सांवर-गोर के खूबे झगड़ा चले. गोर लोग सांवर जमात के आदमी के कुछऊ ना बूझे. एकरा खिलाफ मंडेला जी पाटी बनवले. उनका पर केस चलल, जेल जाये के परल. उमिर भर के सजाय हो गइल. सत्ताईस बरिस ले जेल खटला के बाद उनकर रिहाई भइल. जवनी गंतिया गांधी बाबा बिना मार-काट मचवले आजादी के लड़ाई लड़ले, ओही तरे मंडेला जी अपना मुलुक में आंदोलन चलवले. आखिर में उनकर जीत भइल आ उनका के परिसडेंट बना दिहल गइल. ऊ 10 मई 1994 से 14 जून 1999 मने पांच साल ले दक्खिन अफिरका के परसिडेंट रहले. सगरी दुनिया में गांधी बाबा के जवनी तरे लोग इयाद करेला, ओही तरे नेलसन मंडेला के जनमदिन पर उनका के इयाद कइल जाला. दुनिया भर के देसन के कवनो बड़ संस्था बा सनजुक्त राष्ट्र, ऊ साल 2009 में तय कइलस कि दुनिया भर में 18 जुलाई के हर साल मंडेला दिवस मनावल जाई. अगिला साल मने 2010 से मंडेला दिवस मनावे के शुरुआत भइल. ओह बेरा उनकर उमिर 92 बरिस रहे. पांड़े बाबा बतावत रहुवीं कि मंडेला जी के विचार सभे मान लेव त सगरी समस्या ओरा जाई. मंडेला जी कहले रहले कि शिक्षा सबसे बड़ हथियार ह, जवना से दुनिया के बदलल जा सकेला. पढ़ाई-लिखाई केतना जरूरी बा, उनका एही कहनाम से समझल जा सकेला. लोग कहबो करेला कि जाहिल-जपाट के माथा ना होखे, बाकिर पढ़ल लिखल आदमी के जरी गेयान होला. दुसरका बात ऊ जात पात पर कहले. मंडेला जी के कहनाम रहे कि जात-पात जबले जहवां रही, तबले उहवां तरक्की ना होई. अपना इहां त ई साफ लउकत बा मलिकार. जेने जाईं, खाली जात-पात के बतकही सुने के मिली. जतिगो करे में कुछ नेता लोग के आनंद आवेला. केतने लोग त खाली अपना जात के नेता बनल बा. नेता बनल रहे खातिर, ऊ लोग बाउर काम भा बतकही करे में आगे रहेला. जात के नेतागीरी के आगा केहू का तरक्की के बात ना सोहाला. एगो अउरी बड़ नीक बात पांड़े बाबा मंडेला जी के बतावत रहुवीं. ऊ कहस कि दुसमन के जीते के होखे त ओकरा संगे काम करे के चाहीं. संगे काम कइला से ओकर दिल जीतल जा सकेला. दुसमन से नफरत कइला पर नफरते बढ़ी, बाकिर संगे काम कइला से इयारी बढ़ी आ दुसमनी अपने आप खतम हो जाई. मंडेला जी के अपना बारे में कहनाम रहे कि हम कबो फेल ना होईले. लोग का बुझात होई कि हम अपना काम में फेल हो गइनी. सांच बात ई बा कि हम फेल भइला के फेल ना कहीले, एह से कि ओकरा से ढेरे सीखे के मिलेला. कवनो काम शुरू कइला पर दुइए गो बात लोग अबे ले जनले बा- पास ना त फेल. पास भ गइनी त कवनो बाते नइखे, बाकिर फेल भइला पर घबराये के ना चाहीं. एह से कि काहें फेल भइनी, ई जाने-समझे के ओकरा से मिल जाला. फेल भइला पर आदमी जीते के तरीका सीख जाला. अब तनी खेतीबारी के आपन बतकही आईं, अब तनी घरकच हो जाव. असों त खेतीबारी बिला गइल मलिकार. बरखा-बूनी त होते नइखे. खेते में बीयहन झुरा तारी सन. लोग केहूं गंतिया बोरिंग से पानी चला के जीयवले बा. जे हड़बड़ा के थोर-ढेर रोपनी करवले रहल हा, ऊ अब पछताता. खेत में दरार पर गइल बाड़ी सन आ धान झोंकरे लागल बा. काल्ह चंवर का ओर गइल रहुवीं. जवना खेत में बनिहारिन गीत गा-गा के ओह दिन रोपनी करत रहली सन, ऊ खेत में दरार पर गइल बा. चार-पांच दिन में बरखा ना भइल त बूझ जाईं कि खाद-बीया का संगे मजूरियो डांड़ पर जाई. मकई असो केहू नइखे बोअत. सबसे बेसी मकई भइया जी डीह पर बोअत रहनी हां. असों सगरी खेत पलिहर छोड़ दिहले बानी. कहत रहुवीं कि लीलगाय पर साल डांड़ तूर दिहली सन. बीया-बोअनी-सोहनी सब बेकार हो गइल. लीलगाय त अइसन भइल बाड़ी सन मलिकार कि हार के हार एके संगे निकलत बाड़ी सन. पर त मकई के अइसन हाल कइली सन कि केहू के घरे बीया भर के ना भइल. घामा में जर के लोग सोहनी कइल, खाद डालल आ मकई के डांठ बिना बाल के काट के घरे आइल. लीलगइया सगरी बलिये टूंग ले तारी सन. करोना फेर जोर धइले बा. रोज सुनाता कि दिन पर दिन बढ़ले जाता. एही में एगो नया बेमारी कवनो बानर के घाव वाली आ गइल बिया. फेर मुंह बान्हे के लोग कहता. रउरा कहीं निकलेब त मुंह पर जाब जरूर लगा लेब. हो सके त दोहरा जाब पहिरेब. ई बड़ा लरछुत बेमारी बा. का जाने कहिया एकरा से छुटकारा मिली. राउर, मलिकाइन (ओमप्रकाश अश्क स्वतंत्र पत्रकार हैं. आलेख में व्यक्त विचार उनके निजी हैं.) ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Article in Bhojpuri, BhojpuriFIRST PUBLISHED : July 18, 2022, 17:04 IST