सैलरी पर कम हो सकता है टीडीएस कंपनियां दे सकती हैं रिजीम बदलने का मौका
सैलरी पर कम हो सकता है टीडीएस कंपनियां दे सकती हैं रिजीम बदलने का मौका
TDS on Salary : सैलरी से टीडीएस तो आपके भी कटता है, लेकिन टैक्स एक्सपर्ट की बात मानी तो सरकार जल्द इसके नियमों में बदलाव कर सकती है. इसके बाद आपके टीडीएस की कटौती कम हो जाएगी और वित्तवर्ष के बीच में ही रिजीम बदलने का मौका भी मिलेगा.
हाइलाइट्स बजट में नए रिजीम में टैक्स छूट का दायरा बढ़ा दिया है. इसके बाद कई और कर्मचारी पुराना रिजीम छोड़ने को तैयार हैं. लिहाजा सरकार से कंपनियों को निर्देश देने की मांग हो रही है.
नई दिल्ली. जॉब करने वालों के लिए टीडीएस नियमों में बड़ा बदलाव हो सकता है. सरकार की ओर से नया और पुराना टैक्स रिजीम पेश किए जाने के बाद से इस बात की सुगबुगाहट और तेज हो गई है कि कर्मचारियों की सैलरी से होने वाली स्रोत पर कर कटौती (TDS) को भी घटा दिया जाए. इसका मकसद ये है कि जो कर्मचारी नया टैक्स रिजीम चुनकर अपनी टैक्स देनदारी को घटाना चाहते हैं, उनकी सैलरी से पुराने रिजीम वालों की तुलना में कम टीडीएस काटा जाना चाहिए.
दरअसल, सरकार ने 2024 के बजट में नए टैक्स रिजीम को और आकर्षक बना दिया है. स्टैंडर्ड डिडक्शन पर मिलने वाली 50 हजार की छूट को 75 हजार रुपये कर दिया है. साथ ही नए रिजीम में टैक्स की दरों को भी कम कर दिया गया है. इसके अलावा नियोक्ताओं को 14 फीसदी एनपीएस में कंट्रीब्यूशन का नियम भी बना दिया गया है. इस बार भरे गए आईटीआर की संख्या देखें तो 72 फीसदी करदाताओं ने नया टैक्स रिजीम अपनाया है. जाहिर है कि इन लोगों ने कम दर पर टैक्स भरने का फैसला किया, लेकिन उनका टीडीएस पुराने हिसाब से ही काटा जा रहा है.
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अभी कर्मचारियों के लिए घाटे का सौदा
दरअसल, नए रिजीम से जुड़े कुछ फैसले 23 जुलाई को किए गए, जबकि वित्तवर्ष शुरू हुए 4 महीने बीत चुके हैं. सभी कंपनियों ने अप्रैल में ही अपने कर्मचारियों से रिजीम का विकल्प ले लिया है. साथ ही 50 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन के हिसाब से उनके टीडीएस का कैलकुलेशन भी कर दिया है. इसी आधार पर कंपनियां उनकी सैलरी से हर महीने टीडीएस काटना भी शुरू कर चुकी हैं. ऐसे में कर्मचारियों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा और उनके हाथ में आने वाले पैसे टैक्स के रूप में काटे जा रहे.
क्यों उठ रही इसकी मांग
एक्सपर्ट का कहना है कि कंपनियों ने अप्रैल में ही कर्मचारियों से रिजीम का विकल्प ले लिया है, जबकि बजट जुलाई में पेश हुआ और अब कई ऐसे कर्मचारी होंगे जिनका फायदा पुराने रिजीम के बजाए नए में ज्यादा होगा. जाहिर है कि ऐसे कर्मचारियों को दोबारा रिजीम चुनने का विकल्प मिलना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि नए रिजीम में अगर उनकी टैक्स बचत हो रही है तो उनका टीडीएस भी कम काटा जाना चाहिए. इससे कर्मचारियों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा और वे उसका इस्तेमाल अपने हिसाब से कर सकेंगे.
कंपनियों को निर्देश जारी करे सरकार
एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार ने फाइनेंस बिल 2024 में कई बदलाव किए हैं. लिहाजा इसका फायदा कर्मचारियों को भी दिलाना चाहिए और इस बारे में कंपनियों को निर्देश जारी करना चाहिए कि जो भी लोग नया रिजीम चुनना चाहते हैं, उन्हें वित्तवर्ष के बीच में भी मौका मिलेगा. अभी ज्यादातर कंपनियां वित्तवर्ष के बीच में रिजीम बदलने का मौका नहीं देती हैं.
Tags: Business news, Employees salary, Income taxFIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 13:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed