नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अजय राय के खिलाफ वाराणसी की एक अदालत में शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया. राय के खिलाफ यह कार्यवाही 2010 में गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में शुरू की गई है.
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की एक अवकाशकालीन पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राय द्वारा दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया. शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई 15 जुलाई के लिए निर्धारित की है.
मामले में प्राथमिकी 26 मार्च 2010 को भानु प्रताप सिंह नाम के एक व्यक्ति ने वाराणसी के चेतगंज पुलिस थाने में दर्ज कराई थी. राय हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पराजित हुए हैं. हाईकोर्ट ने राय और चार अन्य के द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मामले की सुनवाई अंतिम चरण में है और नौ गवाहों की गवाही हो चुकी है.
हाईकोर्ट ने कहा था, “हालांकि, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत याचिका दायर करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है, फिर भी इसे उपयुक्त अवधि के भीतर दायर किया जाना चाहिए था. यह स्पष्ट है कि अर्जी दायर करने में बहुत अधिक और अनुचित देरी हुई है तथा मुकदमे में, इस समय कार्यवाही को रद्द करना पूरी तरह से अवांछनीय है.”
Tags: Congress, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 23:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed