बाढ़ के कारण गन्नों में लग गया है फंगस 25 दिनों में 2 बार करें ये काम

डॉ. एसपी यादव ने बताया कि बहुत से किसानों की गन्ने की फसल नदी किनारे बाढ़ की चपेट में आ गई थी. कई जगह गन्ने की फसल के ऊपर पानी भरा रहा और यह पानी 4 से 5 दिनों तक भी भर रहा. ऐसे में गन्ने की फसल की बढ़वार प्रभावित हुई है.

बाढ़ के कारण गन्नों में लग गया है फंगस 25 दिनों में 2 बार करें ये काम
शाहजहांपुर : पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हुई भारी बारिश के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है. बाढ़ से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. खासकर इस बाढ़ से धान और गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा है. उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि गन्ने की फसल से बाढ़ का पानी निकलने के बाद अगर किसान कुछ उपाय कर लें तो गन्ने की फसल को काफी हद तक बचाया जा सकता है. गन्ने की फसल को बचाने के लिए किसान फंगीसाइड और रासायनिक उर्वरक नाइट्रोजन का छिड़काव कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. एसपी यादव ने बताया कि बहुत से किसानों की गन्ने की फसल नदी किनारे बाढ़ की चपेट में आ गई थी. कई जगह गन्ने की फसल के ऊपर पानी भरा रहा और यह पानी 4 से 5 दिनों तक भी भर रहा. ऐसे में गन्ने की फसल की बढ़वार प्रभावित हुई है. गन्ने की फसल की अगर बेहतर देखरेख की जाए तो फसल को काफी हद तक बचाया जा सकता है. गन्ने की फसल को बचाने के लिए किसानों को कुछ जरूरी है एहतियात बरतने की जरूरत है. बाढ़ का गन्ने के खेतों पर प्रभाव डॉ. एसपी यादव ने बताया कि जून के महीने में गन्ने की फसल में कल्ले निकलने की प्रक्रिया पूरी हुई है. अब कल्ले बढ़वार की प्रक्रिया में थे लेकिन जल भराव होने से नए और कमजोर कल्ले मर गए या फिर उनकी बढ़वार प्रभावित हुई है. ज्यादा दिन तक पानी भरा रहने की वजह से गन्ने की पत्तियों पर मिट्टी की परत जम गई. जिसकी वजह से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है. ऐसी स्थिति में गन्ने के पौधों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाया. यूरिया का ऐसे करें छिड़काव डॉ. एसपी यादव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित खेतों से जब पानी निकल जाए तो किसान गन्ने के कल्लों को मजबूती देने और बढ़वार के लिए 5 किलो यूरिया को 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर दें. जरूरी है कि किसान एक एकड़ में 300 से 400 लीटर पानी का इस्तेमाल करें. घोल इसी अनुपात में बनाएं. ज्यादा दिन तक पानी भरा रहने की स्थिति में गन्ने के पौधे कई बार फंगस की चपेट में भी आ जाते हैं. फंगस का कैसे करें उपचार? डॉ. एसपी यादव ने बताया कि गन्ने की फसल अगर फंगस की चपेट में आ जाए तो फंगस से बचाने के लिए किसान नाइट्रोजन की मात्रा को घटा लें. 2 किलोग्राम यूरिया, 200 ग्राम कार्बेंडाजिम या 200 ग्राम कॉपर ऑक्सिक्लोराइड का घोल बनाकर कर गन्ने की फसल में छिड़काव कर दें. इस घोल हर 20 से 25 दिन के अंतराल पर किसान फिर से छिड़काव कर सकते हैं. इस प्रक्रिया को लगातार तीन बार करें. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 14:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed