मैं हैरान हूं यह राष्ट्रीय चिंता का विषय क्यों दुखी हैं कपिल सिब्बल
मैं हैरान हूं यह राष्ट्रीय चिंता का विषय क्यों दुखी हैं कपिल सिब्बल
Kapil Sibal on NEET: NEET में कथित धांधली का मामला लगातार गर्मा रहा है. अब पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
हाइलाइट्स NEET पर कपिल सिब्बल ने बड़ी बात कही MBBS परीक्षा में भ्रष्टाचार के मामले ने तूल पकड़ा सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है यह मामला, चल रही सुनवाई
नई दिल्ली. मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को लेकर जारी विवाद के बीच पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने रविवार को बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि NEET में अनियमितताओं के आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिकारियों से कराई जाए और सरकार से आग्रह किया कि वह परीक्षा आयोजित करने के तौर तरीकों को लेकर सभी राज्यों के साथ गहन विचार-विमर्श करे. सिब्बल ने साथ ही यह भी कहा कि मैं हैरान हूं और यह राष्ट्रीय चिंता का विषय है.
विशेष इंटरव्यू में राज्यसभा सदस्य सिब्बल ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि अगर किसी परीक्षा में परीक्षा तंत्र ही भ्रष्ट हो जाए तो प्रधानमंत्री के लिए चुप्पी साधना ठीक नहीं है. सिब्बल ने सभी राजनीतिक दलों से आगामी संसद सत्र में इस मामले को जोर-शोर से उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा होने की उम्मीद कम है, क्योंकि सरकार इस मामले के न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देकर इसकी अनुमति नहीं देगी.
‘मैं हैरान हूं’
सिब्बल 29 मई 2009 से 29 अक्टूबर 2012 तक मानव संसाधन विकास (अब शिक्षा विभाग) मंत्री थे. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने वास्तव में धांधली की है और डॉक्टर बनने के लिए आयोजित की जाने वाली जैसी परीक्षा के प्रश्नपत्रों को पहले ही मुहैया कराने के भ्रष्ट आचरण को मीडिया संस्थानों ने उजागर किया है.’ सिब्बल ने कहा, ‘गुजरात की कुछ घटनाओं से मैं हैरान हूं और ये राष्ट्रीय के लिए चिंता का विषय हैं. मुझे लगता है कि NTA को इन गंभीर सवालों का जवाब देना चाहिए.’ सिब्बल ने कहा कि इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक और निराशाजनक बात यह है कि जब भी ऐसा कुछ होता है और वर्तमान सरकार में भ्रष्टाचार होता है तो ‘अंधभक्त’ इसके लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को दोषी ठहराना शुरू कर देते हैं और यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि इस तरह के बयान देने से पहले वे पूरी तरह से जानकारी ही नहीं जुटाते हैं.
NEET 2024: नीट को लेकर मचा बवाल, 23 लाख उम्मीदवारों की बढ़ी चिंता, जानें अब तक क्या-क्या हुआ?
कपिल सिब्बल की सफाई
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर एडवोकेट ने बताया कि NEET रेगुलेशन वर्ष 2010 में भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) द्वारा इसके निदेशक मंडल के माध्यम से पेश किया गया था और एमसीआई स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन था न कि शिक्षा मंत्रालय के अधीन. सिब्बल ने कहा, ‘इसलिए मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में मेरा इससे कोई ताल्लुक नहीं था. MCI के निदेशक मंडल ने एक विनियमन पेश किया, जिसमें कहा गया था कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने वाले छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा होनी चाहिए. रिट याचिकाकर्ताओं द्वारा इस विनियमन को चुनौती दी गई थी और 18 जुलाई 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया था कि एमसीआई के पास नीट शुरू करने का कोई विधायी अधिकार नहीं है.’ उन्होंने बताया कि यही वजह है कि इसे खारिज किए जाने के बाद 11 अप्रैल 2014 को एक समीक्षा याचिका दायर की गई. समीक्षा की अनुमति दी गई और 2013 का आदेश वापस ले लिया गया.
कानून में संशोधन
सिब्बल ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता में आई और 28 अप्रैल 2016 को शीर्ष अदालत में एक रिट याचिका दायर की जिसमें कहा गया कि चूंकि NEET विनियमन को रद्द करने वाला आदेश वापस ले लिया गया है तो एमसीआई द्वारा जारी विनियमन को लागू क्यों नहीं किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि इसके बाद चार अगस्त 2016 को भाजपा सरकार ने धारा 10D पेश की और भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम में संशोधन किया. सिब्बल ने कहा, ‘8 अगस्त 2019 को भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद अधिनियम पारित किया गया. इसमें एक और धारा 14 शामिल की गई जो NEET का प्रावधान करती है. इसके बाद 29 अक्टूबर 2020 को शीर्ष अदालत ने इस कानून को बरकरार रखा.’ उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक वर्तमान सरकार द्वारा लाया गया था और इसका UPA से कोई लेना-देना नहीं है.
Tags: Kapil sibal, NEET, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : June 16, 2024, 15:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed